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Chaitra Navratra Ki Navami (चैत्र नवमी) 2022 : राम नवमी के दिन इच्‍छापूर्ति के लिए अपनाएं ये उपाय, वहीं इन मंत्रों का जाप देगा विशेष लाभ

Chaitra Navratri Ki Navami 2022 : श्री हरि विष्णु के मनुष्य अवतारों में से एक प्रमुख अवतार भगवान श्री।राम माने जाते हैं। इन्हीें के जन्म को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कि भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था। ऐसे में इस साल 2022 में यह तिथि रविवार 10 अप्रैल 2022 को पड़ रही है।

रामनवमी के संबंध में पंडितों व जानकारों का मानना है कि यह एक ऐसा विशेष दिन होता है जिस दिन कोई भी व्यक्ति अपनी मनोकामना की आसानी से पूर्ति कर सकता है। इसके लिए बस उसके मन में भगवान राम के प्रति पूर्ण विश्वास, पूर्ण श्रद्धा के अलावा भक्ति होनी चाहिए। इस संंबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि इस दिन कुछ विशेष उपायों की मदद से हर कोई अपनी मन चाही इच्छा को पूर्ण कर सकता है।

बस इस इच्छा के पीछे किसी का अहित नहीं होना चाहिए। वहीं पंडित शर्मा के अनुसार माना जाता है कि न केवल इन उपायों से व्यक्ति अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता है बल्कि इन्हें अपनाने से उसका भाग्य भी सूर्य की तरह चमकने लगता है। तो चलिए जानते हैं वे उपाय-

श्रीराम के दस सरलतम मंत्र:
पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक राम नाम की शक्ति अपरिमित है। इसी के चलते नवरात्रि में रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड आदि के अनुष्ठान की परंपरा रही है। मंत्रों का जाप भी किया जाता है। माना जाता है कि उन्हें या उनमें से किसी एक के करने पर आपकी इच्छा नि:संदेह पूर्ण होगी।

(1) ‘राम’ यह मंत्र अपने आप में पूर्ण है तथा शुचि-अशुचि अवस्था में भी जपा जा सकता है। यह तारक मंत्र कहलाता है।

(2) ‘रां रामाय नम:’ यह मं‍त्र राज्य, लक्ष्मी पुत्र, आरोग्य व वि‍पत्ति नाश के लिए प्रसिद्ध है।

(3) ‘ॐ रामचंद्राय नम:’ क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी मंत्र है।

(4) ‘ॐ रामभद्राय नम:’ कार्य की बाधा दूर करने के लिए अवश्व प्रभावी है।

(5) ‘ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा’ प्रभु कृपा प्राप्त करने व मनोकामना पूर्ति के लिए जपने योग्य है।

(6) ‘ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’ विपत्ति-आपत्ति के निवारण के लिए जपा जाता है।

(7) ‘श्रीराम जय राम, जय-जय राम’ इस मंत्र का कोई सानी नही है। शुचि-अशुचि अवस्था में जपने योग्य है।

(8) श्रीराम गायत्री मंत्र ‘ॐ दशरथाय नम: विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।’ यह मंत्र समस्त संकटों का शमन करने वाला तथा ऋद्धि-सिद्धि देने वाला माना गया है।

‘ॐ नम: शिवाय’, ‘ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:।’ यह मंत्र एक-साथ कई कार्य करता है। स्त्रियां भी जप सकती हैं। साधारणत: हनुमानजी केे मंत्र उग्र होते हैं। शिव व राम मंत्र के साथ जप करने से उनकी उग्रता समाप्त हो जाती है।

(10) ‘ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:’ शत्रु शमन, न्यायालय, मुकदमे आदि की समस्या से मुक्ति के लिए प्रशस्त है।

रामरक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण इत्यादि के जप कर अनुष्ठान रूप में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
इस दिन श्री हनुमानजी व भगवान राम का चि‍त्र सामने लाल रंग के वस्त्र पर रखकर पंचोपचार पूजन कर जाप करना चाहिए। यही सरल व लौकिक विधि है।

कुछ खास टोटके…
1. सरसों के दाने एक कटोरी में दाल लें। कटोरी के नीचे कोई ऊनी वस्त्र या आसन होना चाहिए। राम रक्षा मन्त्र को 11 बार पढ़ें और इस दौरान आपको अपनी उंगलियों से सरसों के दानों को कटोरी में घुमाते रहें।

इस दौरान आप किसी आसन पर बैठे हों ध्यान रहे कि राम रक्षा यंत्र आपके सम्मुख हो या फिर श्रीराम कि प्रतिमा या फोटो आपके आगे होनी चाहिए जिसे देखते हुए आपको मंत्र का जाप करना है। माना जाता है कि ग्यारह बार के जाप से सरसों सिद्ध हो जाती है और आप उस सरसों के दानों को शुद्ध और सुरक्षित पूजा स्थान पर रख लें। इसके बाद जब आवश्यकता पड़े तो कुछ दाने लेकर आजमायें। इससे सफलता अवश्य प्राप्त होती है।

– वाद विवाद या मुकदमा हो तो उस दिन सरसों के दाने साथ लेकर जाएं और वहां डाल दें जहां विरोधी बैठता है या उसके सम्मुख फेंक दें। माना जाता है ऐसा करने से सफलता आपके कदम चूमेगी।

– खेल या प्रतियोगिता या साक्षात्कार में आप सिद्ध सरसों को साथ ले जाएं और अपनी जेब में रखें।

– अनिष्ट की आशंका हो तो भी सिद्ध सरसों को साथ में रखें।

– यात्रा में साथ ले जाएं आपका कार्य सफल होगा।

रोग में असर कारक : राम रक्षा स्त्रोत से पानी सिद्ध करके रोगी को पिलाया जा सकता है परन्तु पानी को सिद्ध करने कि विधि अलग है। इसके लिए तांबें के बर्तन को केवल हाथ में पकड़ कर रखना है और अपनी दृष्टि पानी में रखें और महसूस करें कि आपकी सारी शक्ति पानी में जा रही है। इस समय अपना ध्यान श्रीराम की स्तुति में लगाये रखें। मंत्र बोलते समय प्रयास करें कि आपको हर वाक्य का अर्थ ज्ञात रहे।

चैत्र नवरात्रि के चार अचूक चमत्कारी मंत्र और उनका फल:
नवरात्रि में देवी की पूजा पूरी श्रद्धा-भक्ति से हर कोई करना चाहता है, ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे। लेकिन समयाभाव के कारण कई बार पूजा उतनी विधि विधान से नहीं हो पाती जितनी कि अपेक्षित है। ऐसे में नवरात्रि के दौरान रामरक्षास्त्रोत का पाठ शुरु करना चाहिए और ये भी शपथ लेनी चाहिए कि मेरे द्वारा इस स्त्रोत का हर रोज पाठ किया जाएगा। माना जाता है कि ऐसा करने वाले के न केवल समस्त कार्य पूर्ण होते हैं, बल्कि उस पर किसी प्रकार की बुरी शक्ति चाह कर भी जीत नहीं पा सकती। इसके अलावा ऐसा व्यक्ति का भाग्य हमेशा सूर्य की तरह चमकता रहता है।

10 चमत्कारी दोहे, जो प्रदान करते हैं हर तरह का वरदान :
हिंदु धर्म में रामनवमी के त्यौहार की महत्वता है और इसे पूरे भारत में बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। वहीं रामनवमी के पावन पर्व पर रामचरितमानस का पाठ करने से हर परेशानियां दूर होती है और मन की इच्छा भी पूर्ण होती है।

रामचरितमानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से इच्‍छापूर्ति की जाती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो हर तरह के वरदान देते हैं…

(1) मनोकामना पूर्ति व सर्वबाधा निवारण के लिए-
‘कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।’

(2) भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए-
‘रामकथा सुन्दर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी।।’

(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
‘मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।’

(4) भगवान राम की शरण प्राप्ति के लिए-
‘सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना।।’

(5) विपत्ति नाश के लिए-
‘राजीव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।’

(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति के लिए-
‘दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।’

(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि के लिए-
‘बिस्व भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत असहोई।।’

(8) विद्या प्राप्ति के लिए-
‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।।’

(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।’

(10) शत्रु नाश के लिए-
‘बयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।’

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Source: Dharma & Karma