लोनिया समाज ने नमक सत्याग्रह आंदोलन की वर्षगांठ मनाई
बिलासपुर। प्रगतिशील लोनिया व नोनिया समाज ने रविवार को तिफरा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विश्व विख्यात नमक सत्याग्रह आंदोलन की 92 वीं वर्षगांठ मनाई। समारोह में भारत देश की आजादी में बलिदान देने वाले समाज के वीर शहीद व पूर्वजों को स्मरण किया गया। देश की आजादी की लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाए थे। जिसमें लोनिया व नोनिया समाज के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रगतिशील लोनिया समाज के वरिष्ठ सदस्य विश्वनाथ नोनिया ने कहा मार्च से अप्रैल 1930 के बीच गांधी जी ने नमक पर लगाए जाने वाले विरोध पर नया सत्याग्रह चलाया।
वह नमक आंदोलन के नाम से प्रचलित है। यह आंदोलन लोनिया व नोनिया समाज के लोगों के साथ मिलकर प्रारंभ किया गया था। करीब 24 दिनों तक आंदोलन चला। गांधी जी ने समाज के लोगों के साथ अहमदाबाद साबरमति आश्रम से गुजरात दांडी यात्रा किया था। ग्राम कया निवासी समाज के अध्यक्ष देव्रत लोनिया ने कहा कि समाज जब तक आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगा। तब तक विकास कर पाना संभव नहीं है। कार्यक्रम में कया, खरौद, तिफरा, परसदा, नरगोड़ा, गुड़ी, गतौरी, चकरभाठा, नवरंगपुर समेत अन्य गांवों के सामाजिक सदस्य पहुंचे।
यह आंदोलन लोनिया व नोनिया समाज के लोगों के साथ मिलकर प्रारंभ किया गया था। करीब 24 दिनों तक आंदोलन चला। गांधी जी ने समाज के लोगों के साथ अहमदाबाद साबरमति आश्रम से गुजरात दांडी यात्रा किया था। ग्राम कया निवासी समाज के अध्यक्ष देव्रत लोनिया ने कहा कि समाज जब तक आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगा। तब तक विकास कर पाना संभव नहीं है।
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