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वैशाख माह में इस दिन मनाई जाएगी गंगा सप्तमी, जानिए गंगा पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त और विधि

Ganga Saptami, Ganga Jayanti, Gangotsav 2022: हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाने वाली गंगा सप्तमी हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व रखती है। माना जाता है कि इस दिन मां गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। गंगा सप्तमी को गंगा जयंती या गंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस साल गंगा सप्तमी 7 मई को शनिवार के दिन पड़ रही है। गंगा जयंती को उत्तर भारत में उन जगहों पर तो बड़ी धूमधाम से त्योहार की तरह मनाया जाता है जहां से गंगा नदी प्रवाहित होती है। गंगा माता को समर्पित यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही पवित्र होता है इसलिए इस दिन शुभ मुहूर्त में की गई पूजा बहुत ही फलदाई मानी जाती है। तो आइए जानते हैं गंगा सप्तमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि…

 

पूजा का शुभ मुहूर्त:

गंगा सप्तमी 7 मई 2022 को शनिवार के दिन सुबह 5 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ होकर 8 मई 2022 को सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।

गंगा सप्तमी की संपूर्ण पूजा विधि:

मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ होता है। लेकिन यदि गंगा नदी में स्नान करना संभव ना हो तो सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और फिर गंगाजल के छींटे अपने ऊपर मार लें।

 

इसके बाद अपने घर के मंदिर में उत्तर दिशा में एक चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछा लें। इसके ऊपर मां गंगा की मूर्ति या तस्वीर के साथ कलश की स्थापना करें। इस कलश में आपको रोली, चावल, गंगाजल, शहद, चीनी, इत्र और गाय का दूध इन सभी सामग्रियों को भर लेना है। फिर कलश के ऊपर नारियल रखकर इसके आसपास मुख पर अशोक के पांच पत्ते लगा दें। साथ ही नारियल पर कलावा बांध दें।

तत्पश्चात गंगा माता की प्रतिमा या तस्वीर पर कनेर का फूल, लाल चंदन, फल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाकर मां गंगा की आरती करें। साथ ही ‘गायत्री मंत्र’ तथा गंगा ‘सहस्त्रनाम स्त्रोतम’ का का जाप करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के गुणों में वृद्धि होती है।

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Source: Religion and Spirituality