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कमर और कूल्हे के दर्द को हल्के में न लें, कोरोना के बाद हड्डियों में हो रही ये गंभीर बीमारी

कोरोना से उबर चुके लोगों की दिक्कते कम नहीं हो पा रहीं। कमर कूल्हे व घुटनों में दर्द की शिकायत अमूमन अब लोगों को ज्यादा हो रही है। अगर आप कोरोना संक्रमित न भी हों तो भी कमर और कूल्हें में दर्द बढ़ रहा तो आपको इसकी जांच करानी चाहिए।

22 से 35 साल के लोगों में कूल्हे और कमर के साथ घुटने का दर्द ‘एवैस्कुलर नेक्रोसिस’ के कारण होता है। ये समस्या कोविड संक्रमण के बाद तेजी से बढ़ने लगी है। इसे पोस्ट कोविड एवीएन का नाम दिया गया है।

क्या है एवैस्कुलर नेक्रोसिस-what is avascular necrosis
एवैस्कुलर नेक्रोसिस को डेथ आफ बोन नाम से भी जाना जाता है। शरीर के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन जब प्रभावित होने लगता है और सही तरीके से सर्कुलेशन नहीं होता तो हड्डियों के ऊतक मरने लगते हैं। कुछ समय बाद शरीर की गड्डियां गलने लग जाती हैं। कोरोना होने के दौरान स्टेरायड लेने वालों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है।

समस्या शुरू होते ही कराएं इलाज
कमर-कूल्हे और घुटने में दर्द बना रहे तो इसकी जांच तुरंत कराएं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस का पता एक्सरे व एमआरआई से चलता है। आमतौर पर कोरोना होने के आठ माह से दो साल बाद तक पोस्ट कोविड एवीएन के लक्षण उभरते हैं। एवीएन का सही व पूर्ण इलाज रोबोटिक लेजर तकनीक से संभव है। बिना सर्जरी की यह तकनीक हड्डी का रक्त संचार बढ़ाती है। हड्डी की कोशिकाएं ठीक होने लगती हैं।

छह से आठ माह चलता है उपचार
पोस्ट कोविड एवीएन के उपचार में छह से आठ माह का वक्त लगता है। इस दौरान 25 से 30 बार रोबोटिक लेजर तकनीक से उपचार कराना होता है।

दर्द से राहत के घरेलू उपाय-home remedies for pain relief
हड्डी का दर्द कम करने को बर्फ से सेकाई करें।
हल्के हाथों से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा।
खानपान संतुलित रखें और रोजाना 45 मिनट की वॉक करें।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।



Source: disease-and-conditions