Changes On Nail: नाखून पर नजर आने वाले ये 3 बदलाव विटामिन B-12 की कमी का हैं संकेत,हार्ट अटैक से कैंसर तक का हो सकता है खतरा
रोज के खानपान में अगर लंबे समय तक किसी पोषक तत्व की कमी बनी रहे तो विटामिंस की कमी होने लगती है। विटामिन बी वाटरसॉल्यूबल होता है इसलिए ये आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाता है, लेकिन ये लंबे समय तक टिकता नहीं, इसलिए इसे रोज के आहार में शामिल करना जरूरी है। तो चलिए आपको आज विटमान B12 की कमी के खतरे के साथ ही नाखूनों में इसकी कमी से कैसे बदलाव आते हैं बताएं।
विटामिन बी का शरीर में मुख्य काम
विटामिन बी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और शरीर को खाए गए खाने से ऊर्जा दिलाने का काम करता है। जब विटामिन बी12 की कमी होती है तो रेड ब्लड सेल्स कम होने लगती हैं और इससे व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ने लगती है। रेड ब्लड सेल्स के कम होने से शरीर को कई नुकसान और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, बी12 के संकेत शरीर पर कई तरह से नजर आते हैं।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार विटामिन बी12 की कमी के लक्षण नाखूनों पर सबसे पहले नजर आते हैं।
1. नाखून के रंग अचानक से नीले रंग या मटमैले से नजर आने लगते हैं। हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण ऐसा होता है।
2. गहरे रंग की लंबी धारियों के साथ नाखून गहरे काले दिखते हैं।
3. कई बार नाखूनों पर जालीदार गहरे रंग की धारियां उभर आती है।
यदि समय रहते इन नाखूनों के बदलाव को पहचान लिया जाए तो विटामिन बी12 की कमी से होने वाले रोगों को रोका जा सकता है।
विटामिन बी 12 की कमी के नुकसान
• दिल की धड़कन रुकना यानि हार्ट अटैक का खतरा
• आखों की रौशनी कम होना और अचानक से दिखतना बंद होना
• याददाश्त कम होते जाना
• शरीर के किसी भी अंग में सुई सी चुभन या सुन्नाहट का बढ़ना
• शरीर के अंगों का सही से काम न कर पाना
• बांझपन की समस्या
• नसों से जुड़ी समस्याएं
• आमाशय का कैंसर
• तंत्रिका नली में दोष
• खून में थक्के जमने की संभावना
• स्ट्रोक आने की संभावना बढ़ना
•खून की कमी और थकान के साथ कमजोरी महसूस होना
•डिप्रेशन या स्ट्रेस लेवल का बढ़ना
•गले में खराश का बढ़ना
याद रहे विटामिन बी 12 की कमी से होने वाली बीमारियां काफी घातक होती है, इसलिए समय रहते इनके संकेतों को पहचान कर इसकी पूर्ति शरीर में करें।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
Source: disease-and-conditions