Omicron New Variants danger: ओमिक्रान BA.4 और BA.5 के साथ कोरोना हुआ और भी घातक, खांसी-बुखार से हटकर जानिए ये 5 अलग से लक्षण
अब तक कोरोना के सामान्य लक्षणों में सर्दी, बुखार, खांसी, नाक बहना या सांस में तकलीफ जैसे ही लक्षण सामने आए थे, लेकिन अब BA.4 और BA.5 वेरिएंट्स में 5 बेहद अजीब से लक्षण दिखे हैं। बता दें कि कोरोना से उबर चुके लोगों में दो साल बाद भी इससे जुड़ी परेशानियां लगी हुई हैं। इसे लांग कोविड सिम्टम कहा गया है। लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों में कुछ अजीब लक्षण भी हैं।
कोरोना खत्म नहीं हुआ है। हर बार ये नए वेरिएंट्स के साथ सामने आ रहा है। कोरोना ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.4 और बीए.5 (Omicron BA.4 and BA.5) अब एक्टिव हो चुका है।
तो चलिए जानें बीए.4 और बीए.5 के ये लक्षण क्या हैं
स्किन की समस्या
कोरोना ओमिक्रान के बीए.4 और बीए.5 मरीजों में स्किन की समस्या सामने आ रही है। स्किन पर दाने, स्किन का फटना, पित्ती के साथ ही हाथ-पैर की उंगलियों का रंग में बदलाव नजर आते हैं। स्किन से जुड़ी समस्या हाथ, कलाई और टखनों को भी प्रभावित कर रही है। ये लक्षण 2-3 सप्ताह तक रह सकते हैं।
आंखों का लाल या गुलाबी होना
पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस भी कोरोना का ही लक्षण है और ये बीए.4 और बीए.5 मरीजों में नजर आ रहा है। 7-10 दिनों तक अगर ये समस्या बनी रहती है और कई बार ये और भी लंबा टाइम ले सकती है। बच्चों में खासकर ये समस्या देखने को मिल रही है7
मतिभ्रम की स्थिति
बीए.4 और बीए.5 के मरीजों में मतिभ्रम की समस्या भी दिखती है। ये लंबे समय तक बना रहा सकता है। ब्रेन फॉग, स्मृति हानि, भ्रम, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, अस्पष्ट विचार, बोलते समय शब्दों की हानि और मानसिक थकान इसी के लक्षण हैं।
गले में दिक्कत या आवाज का बदलना
बीए.4 और बीए.5 के मरीजों में लंबे समय बाद भी गले में दिक्कत या आवाज का बदलाना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। आवाज से जुड़ी समस्याओं को ठीक होने में 6-8 सप्ताह लग सकते हैं। गले में दर्द, खराश या खांसी आदि भी की समस्या भी बनी रहती है। लगातार खांसने से वोकल कॉर्ड पर असर पड़ता है और इस वजह से उनमें सूजन और सूजन हो सकती है। बाद में वोकल कॉर्ड सख्त और कम लचीले हो जाते हैं। इसलिए आवाज की समस्या होती है।
टिनिटस या कान में घंटी का बजना
कान में अजीब तरह की आवाज आना यानि टिनिटस की समस्या भी बीए.4 और बीए.5 का ही लक्षण है। ये बीमारी लाइलाज है और इसमें कान में शोर अंदर से सुनाई देता है, जबकि बाहर शांति का माहौल रहता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
Source: disease-and-conditions