गायत्री जयंती 2022: गायत्री जयंती के दिन इस मंत्र का करें जाप, तरक्की और सुख-समृद्धि में वृद्धि की है मान्यता
Gayatri Mantra Jaap: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि गायत्री जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस साल यह जयंती 11 जून को शनिवार के दिन मनाई जाएगी। ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक गायत्री जयंती के दिन माता गायत्री की विधिपूर्वक पूजा करने के साथ ही मंत्र जाप को बहुत महत्व दिया गया है। वहीं गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में से एक भी माना गया है। तो आइए जानते हैं सुख-समृद्धि के परिचायक इस गायत्री मंत्र का अर्थ और जाप से होने वाले लाभ के बारे में…
गायत्री मंत्र- ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।’
अर्थ- गायत्री मंत्र का अर्थ होता है कि, उस सर्वरक्षक प्राणों से प्यारे, दुखनाशक, सुखस्वरूप श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतरात्मा में धारण करें और वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की तरफ प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र के जाप से होने वाले लाभ
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गायत्री मंत्र की नियमित जाप से व्यक्ति का क्रोध शांत होने के साथ ही उसे दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके मुख पर एक अलग ही तेज आने लगता है।
2. व्यापार अथवा नौकरी में तरक्की हासिल नहीं हो पा रही है तथा आमदनी में भी कमी हो रही है तो गायत्री मंत्र के रोजाना जाप से शुभ फलों की प्राप्ति होने की मान्यता है।
3. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि पति-पत्नी को संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है तो 1 महीने तक दंपत्ति को सूर्योदय से पहले उठकर 1100 सौ बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होने की मान्यता है। साथ ही मंत्र जाप के दौरान सफेद वस्त्र धारण करना भी शुभ होता है।
4. पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी नियमित गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना बहुत फलदायी माना गया है। ऐसा करने से ज्ञान प्राप्त होने के साथ ही बच्चों की एकाग्रता में वृद्धि होती है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)
यह भी पढ़ें: कहीं गरीबी तो कहीं बारिश आने का कारण मानी जाती हैं बिल्लियां, जानें बिल्लियों से जुड़े इन शकुन-अपशकुनों के बारे में
Source: Religion and Spirituality