संगरूर उपचुनाव के लिए शुरू हुई तैयारी, AAP करेगी रोड शो, क्या मूसेवाला हत्याकांड बनेगा बड़ा मुद्दा?
पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर 23 जून उपचुनाव होने हैं और इसको लेकर सभी दल जोरों-शोरों से तैयारी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के लिए ये सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ये सीट साख का सवाल बन गई है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने अपने 6 मंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए उतार दिया है। आज दिल्ली के सीएम और आप के संयोजक अरविन्द केजरीवाल और खुद सीएम मान संगरूर में रोड शो कर रहे हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने सिद्धू मूसेवाला के नाम पर आप को घेरने का काम शुरू कर दिया है। पंजाब कांग्रेस ने तो मूसेवाला पर एक गाना भी तैयार कर लिया है तो वही बीजेपी और अकाली दल भी कानून व्यवस्था को मुद्दा बना रहे हैं।
आम आदमी पार्टी का रोड शो
आम आदमी पार्टी आज संगरूर सीट से अपने उम्मीदवार गुरमेल सिंह के लिए आज रोड शो कर रही है। ये रोड शो भदौड़ और बरनाला इलाके में हो रहे हैं। भगवंत मान ने ट्वीट कर भदौर में रोड शो से जुड़ी वीडियो भी शेयर की है।
संगरूर लोकसभा उपचुनाव के उम्मीदवार कौन-कौन?
इस सीट से कांग्रेस ने दलवीर गोल्डी, अकाली दल ने कमलदीप कौर, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने सिमरनजीत सिंह मान और बीजेपी ने सिंह ढिल्लों को उतारा है। वहीं, AAP की तरफ से संगरूर के जिलाध्यक्ष गुरमेल सिंह मैदान में हैं।
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मूसेवाला हत्याकांड को बनाया जा रहा चुनावी मुद्दा
इस सीट से AAP की जीत तो आसान मानी जा रही थी, लेकिन मूसेवाला हत्याकांड समीकरण बदल सकता है। दरअसल, मान सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई। इसके बाद इस मामले को विपक्ष ने मान सरकार को घेरना शुरू कर दिया। इस घटना के बाद से कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें जान से मारने की धमकी और प्रोटेस्ट भी देखने को मिले। इससे पंजाब की कानून व्यवस्था का मुद्दा कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल ने बड़ा बनाना शुरू कर दिया।
संगरूर के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने पंजाबी गीत के जरिए मूसेवाला के नाम पर चुनाव प्रचार कर रही है। जब इसपर मूसेवाला के परिवार ने आपत्ति जताई तो आम आदमी पार्टी को भी मौका मिल गया कांग्रेस को पलटवार करने का। AAP ने सीधे कांग्रेस पर गायक की मौत का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
AAP का पलटवार
आम आदमी पार्टी ने कहा कि ‘एक माँ ने अपना बेटा खोया है लेकिन कांग्रेस उस मौत पर भी राजनीति कर रही है। इस तरह की रणनीति से कांग्रेस को बचना चाहिए जिससे मूसेवाला के समर्थकों और परिवार की भावना आहत न हो।’ वहीं, अकाली दल कानून व्यवस्था के साथ साथ सिखों की रिहाई के मुद्दे को उठा रही है। बीजेपी बार बार कानून व्यवस्था को मुद्दा बना रही है और बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों के जरिए भी AAP को घेर रही है। ऐसे में इस सीट से मुकाबला दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है।
आम आदमी पार्टी हारी तो लोकसभा में होगी साफ
बता दें कि पंजाब की सत्ता संभालने से पहले संगरूर सीट से भगवंत मान इकलौते सांसद थे। संगरूर से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। इस साल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।
वास्तव में, इस सीट से AAP की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन मूसेवाला की हत्या ने आप के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब आम आदमी पार्टी कैसे इस सीट के जरिए अपनी साख को बचा पाती है या नहीं, ये 26 जून को चुनावी नतीजे सामने आने के बाद ही पता चल सकेगा।
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Source: National