चुनाव में पिछडऩे पर हैंडपंप पर रोक, खेत में बोवनी पर धमकाया, सड़क पर चलना मुश्किल
झाबुआ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होते ही गांव से झगड़े- फसाद की खबरें आना शुरू हो गई है। ज्यादातर मामले कम अंतर से पिछडऩे वाले क्षेत्रों में हुए हैं। हालांकि प्रत्याशियों के जीत की औपचारिक घोषणा 14 जुलाई और 15 जुलाई को होना है। फिर भी मतदान केंद्र पर हुए प्रारंभिक मतगणना के आंकड़ों के आधार पर प्रत्याशियों ने हार- जीत की पड़ताल अपने स्तर पर की है। इसके बाद से ही गांवों में विवादों का दौर शुरू हो गया। ताजा मामले में ग्राम पंचायत खेड़ा के वार्ड नंबर 4 में पंच पद पर अपना दावा मजबूत करने वाली नूरी पति मुनङ्क्षसह गामोड के साथ सैकड़ों ग्रामीण कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को आवेदन देने पहुंचे। ग्रामीणों ने गुहार लगाई कि पूर्व सरपंच चुनाव में पिछडऩे के बाद जान से मारने की धमकी दे रहा है। हैंडपंप पर पानी नहीं भरने दे रहा, मतदान परिणाम में आगे होने वाले सरपंच प्रत्याशी के समर्थकों का रहना मुश्किल हो गया है। सड़क पर चलना दूभर हो गया है, वहीं खेतों में बोवनी करने से रोका जा रहा है। अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत सुनी और निराकरण का आश्वासन दिया। अब गांव में पुलिस बांड ओवर के जरिए झगड़ा समाप्त करेगी। पुलिस ने अपनी निगरनी में बोवनी करवाने की बात कही है।
चुनाव में आगे होने पर गांव में रहना किया मुश्किल
नूरी ने अपने आवेदन में बताया कि चुनाव में उसके सामने खड़े होने वाला प्रत्याशी चेन ङ्क्षसह अमलियार 20 सालों से क्षेत्र का सरपंच है , अब चुनाव में पिछडऩे पर चैन ङ्क्षसह और उसके रिश्तेदार कमल ङ्क्षसह , सावन ,अमित ,सुनील ,देवचंद, मनोहर,धन्ना ,वीनू ,ङ्क्षलबू ,अनीता ,ङ्क्षजगू ,राजू बाबू सहित लगभग 50 लोगों ने नूरी और उसके समर्थकों का गांव में रहना मुश्किल कर दिया है। नूरी के समर्थकों को सार्वजनिक रास्ते से गुजरने पर जान से मारने की धमकियां मिल रही है। यही नहीं सार्वजनिक हैंडपंप पर पानी भी भरने नहीं दिया जा रहा है। गांव में एक ही हैंडपंप होने के कारण जल संकट खड़ा हो गया है। नूरी के समर्थक दिव्येश अमलियार को अपने खेत में बोवनी से रोका जा रहा है। साथ ही मारने पीटने की धमकियां दी जा रही है।
झगड़ा करने हथियार लेकर पहुंचे
नूरी एवं उसके समर्थकों के घर पर पूर्व सरपंच चैन ङ्क्षसह के लोग हथियार लेकर झगड़ा करने पहुंचे। इन्होंने ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की। जाते-जाते जान से मारने की धमकी दी। मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया। नूरी ने अपने कार्यकर्ताओं के घर लूटपाट होने की शिकायत भी दर्ज करवाई है।
ग्रामीणों ने बताया अपना दर्द
दिव्येश ङ्क्षसह अमलियार ने बताया कि ग्राम पंचायत खेड़ा के माता फलिया में मेरी पैतृक संपत्ति है जहां पर वर्षों से मेरा परिवार खेती करते आ रहा है। चुनाव में हारने के बाद अब मुझे खेती से रोका जा रहा है और जान से मारने की धमकी दी जा रही है । प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है।
अमरी पति नाहर ङ्क्षसह डामोर ने बताया कि घर आकर हमें गांव छोडऩे की धमकी दी, जिससे मेरा परिवार सदमे में है। सुनील भूरिया ने बताया कि घर पर धारदार हथियार लेकर रोजाना पूर्व सरपंच के लोग आ रहे हैं। लगातार मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही है। किला पति दिलीप खडिय़ा ने बताया कि विपक्षी लोग गांव से बाहर करने के लिए रोज परेशान कर रहे हैं घर के पास लगे हैंडपंप से पानी नहीं भरने दिया जाता, घर के सामने बने रोड से भी निकलने नहीं दिया जा रहा है।
मूलभूत सुविधाओं से रोक रहे दबंग
दरअसल पिछले 23 साल से खेड़ा गांव में चैन ङ्क्षसह अमलियार सरपंच है। क्षेत्र में हर विकास कार्य पर ये अपना अधिकार जता रहे हैं। आदतन अपराधी होने के कारण पूर्व सरपंच के परिवार के लोगों पर जिला बदर की कार्रवाई भी हुई है। कई गंभीर वारदातों एवं हत्या के मामलों में भी प्रकरण दर्ज हुआ है। गांव में रहने वाले अयूब, टीमा, संघा, गुलाब ,रमीला, मखनी, प्रेम ङ्क्षसह, नरङ्क्षसह ,गंगा ङ्क्षसह ने बताया कि चुनाव हारने के बाद सारा दोष जनता पर मढ कर मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। 3 दिनों से लगातार डराया- धमकाया जा रहा है, जिससे ग्राम पंचायत में भय का माहौल है। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर गांव के लोगों को सुरक्षा का माहौल देने की मांग की है।
Source: Education