ॐ का जाप करने से आते हैं जीवन में सकारात्मक बदलाव, लेकिन इन बातों का रखें खास ख्याल
सनातन धर्म में ॐ को बहुत ही पवित्र और प्रभावशाली माना गया है। यह अ, उ और म् इन 3 अक्षरों से मिलकर बना है। मान्यता है कि इन तीनों अक्षरों में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है। जिसमें अ वर्ण को सृष्टि, उ को स्थिति और म् को लय का दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी मंत्र के पूर्व में ओम का उच्चारण उस मंत्र के प्रभाव को और अधिक बढ़ा देता है। तो अब आइए जानते हैं ओम के उच्चारण से होने वाले फायदे और खास नियमों के बारे में…
ॐ के उच्चारण के लाभ
ओम का उच्चारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है जिससे वह अपने क्रोध पर भी नियंत्रण करने में सक्षम हो जाता है। वहीं यह आपके पाचन तंत्र को भी बेहतर रखने में मदद करता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकाग्रता से ॐ का उच्चारण करने पर यह आपको ब्रह्मांड और ईश्वर से जोड़ता है। तनाव से मुक्ति पाने के लिए भी ओम शब्द के फायदे देखे जाते हैं।
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यह आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। साथ ही नियमित रूप से ॐ के उच्चारण से सांसों पर नियंत्रण करने तथा पेट की मांसपेशियों को तनाव मुक्त करने में मदद मिलती है।
ॐ का जाप आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर प्रभाव डालता है। जिससे यह ब्लड प्रेशर और ब्लड सरकुलेशन को भी नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है।
इन बातों का रखें खास खयाल
ॐ का उच्चारण करते समय हमेशा किसी शांत स्थान और समतल जगह पर बैठना चाहिए। जीवन में सकारात्मक बदलाव और बेहतर परिणाम के लिए इसके नियमित जाप की सलाह दी जाती है।
ओम का जाप करते समय सबसे पहले पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। फिर आंखें बंद करके एक गहरी सांस लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए ओम का उच्चारण प्रारंभ करें। अपने ध्यान को ना भी क्षेत्र में केंद्रित करते हुए कंपन महसूस करें। आप शुरुआत में 108 बार ओम का उच्चारण कर सकते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे अवधि बढ़ाते जाएं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)
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Source: Religion and Spirituality