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Russia Ukraine War के दौरान यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्र रामलीला मैदान में करेंगे भूख हड़ताल

Russia Ukraine War: यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते थे। लेकिन जब रूस-यूक्रेन का जंग शुरू हुआ तो इन सभी छात्रों को अपनी आधी-अधूरी पढ़ाई छोड़कर वापस देश लौटना पड़ा। अब इनकी पढ़ाई और करियर अधर में लटका है। यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में एडजस्ट किया जाए। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस मांग को लेकर कोई निर्णय नहीं आया है। ऐसे में यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों ने अब विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के कारण पढ़ाई छोड़ स्वदेश वापस लौटे भारतीय छात्र अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 23 जुलाई से 27 जुलाई तक भूख हड़ताल पर बैठेंगे, छात्रों की मांगों को समर्थन देने के लिए कुछ राजनितिक पार्टियों के नेता भी रामलीला मैदान जाएंगे। बताते चले कि
इन भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटे तीन महीने से ज्यादा हो गया है।

 

23 से 27 जुलाई तक रामलीला मैदान में भूख हड़ताल-
छात्रों और परिजनों की मांग है कि उन्हें देश के मेडिकल कॉलेजों में एडजस्ट किया जाए, हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई इस पर निर्णय नहीं लिया है। जिस कारण छात्र और परिजन अब भूख हड़ताल पर बैठने पर मजबूर हैं। 23 जुलाई से 27 जुलाई तक अलग-अलग राज्यों से मेडिकल छात्र और उनके परिजन रामलीला मैदान पहुंचेंगे और वहां भूख हड़ताल पर बैठेंगे इस भूख हड़ताल को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अपना समर्थन देगी।

कांग्रेस और आप के नेता छात्रों के प्रदर्शन में होंगे शामिल-
पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इस भूख हड़ताल में अपना समर्थन देने पहुंचेंगे। वहीं आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख चहरे छात्रों को अपना समर्थन देते हुए नजर आ सकते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष आर बी गुप्ता ने बताया कि, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह व सुशील कुमार गुप्ता हमारी मांगो को अपना समर्थन देने आएंगे। वहीं, कांग्रेस पार्टी से मुकुल वासनिक, तारिक अनवर व पार्टी के कुछ प्रमुख चहरे भी नजर आने की उम्मीद है।

करीब 16 हजार स्टूडेंटों का भविष्य अंधेरे में-
बताया गया कि यूक्रेन से लौटे देशभर में करीब 16 हजार विद्यार्थी हैं, जो अभी अपने करियर को लेकर अवसाद में हैं। देश के अलग अलग राज्यों में छात्रों की संख्या अलग है, दिल्ली में 150 मेडिकल के छात्र हैं जो यूक्रेन युद्ध के कारण स्वदेश लौटे, हरियाणा 1400, हिमाचल प्रदेश के 482, ओड़िसा 570, केरला 3697, महाराष्ट्र 1200, कर्नाटक 760, यूपी 2400, उत्तराखंड 280, बिहार 1050, गुजरात 1300, पंजाब 549, झारखण्ड 184 और पश्चिम बंगाल 392 छात्र हैं।



Source: National