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नेहरू की मूर्खता, वाजपेयी की गलती ने Tibet और Taiwan को किया चीन के हवाले: Subramanian Swamy

इन दिनों ताइवान का मुद्दा वैश्विक स्तर पर काफी चर्चा में है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी का ताइवान का दौरा है जिसको लेकर चीन भड़का हुआ है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और वो चाहता है कि अमेरिका इससे दूर रहे, परंतु अमेरिका ने भी चीनी धमकियों को ठेंगा दिखा दिया है। अब ताइवान के साथ-साथ तिब्बत को लेकर भारत में चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों, जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इनकी गलतियों के कारण ताइवान और तिब्बत चीन के हवाले हो गए।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा, “हम भारतीयों ने नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्खता के कारण तिब्बत और ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार किया। लेकिन अब चीन पारस्परिक रूप से सहमत LAC का भी सम्मान नहीं करता है और लद्दाख के कुछ हिस्सों को हड़प लिया है। वहीं, मोदी “कोई आया नहीं” कहकर स्तब्ध करते हैं। चीन को पता होना चाहिए कि हमारे पास फैसला करने के लिए चुनाव हैं।”



सुब्रमण्यम स्वामी का बयान तब सामने आ रहा है जब अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ताइवान के दौरे पर हैं।

बता दें कि जवाहर लाल नेहरू तिब्बत को लेकर चीन की नीति का समर्थन किया था। यही नहीं बंजर जमीन कहकर आक्साइ चिन का काफी हिस्सा चीन को दे दिया था। उनका चीन से लगाव इतना था कि UNसिक्युरिटी काउन्सल की स्थाई सीट जब ताइवान ने ऑफर की तो उन्होंने इसे चीन को देकर उसे और मजबूत किया था। चीन ने इसका फायदा उठाया ताइवान पर अपना हक जमाने लगा था।

वहीं, 2003 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने तिब्बत को चीन का हिस्सा माना था। इसके बदले चीन ने सिक्किम को भारत का हिस्सा माना था। नेहरू के समय भी तिब्बत को लेकर भारत की नीति काफी लचर रही थी। ऐसे में कई अवसरों पर तिब्बत और ताइवान के मुद्दा भारत में उठता रहा है।

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Source: National

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