जगदीप धनखड़ की जीत के सियासी मायने, राजस्थान, हरियाणा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी BJP को मिलेगा फायदा
भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बधाई देने का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग द्वारा उनकी जीत की घोषणा किए जाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु, निर्वतमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला सहित अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
जनदीप धनखड़ की जीत बीजेपी के लिए बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाने का फायदा बीजेपी को आने वाले चुनावों में मिलेगा। जगदीप धनखड़ एक जाट परिवार से आते हैं। राजस्थान के झुंझनु जिले में किठाना गांव में आज उनकी की जीत के बाद आज एक साथ होली-दिवाली मनाई जा रही है।
राजस्थान में अगले साल तो हरियाणा में 2024 में चुनाव-
उल्लेखनीय हो कि राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा और पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। यहां के चुनावी जीत-हार में जाट वोटरों की भूमिका अहम होती है। राजस्थान में अगले साल तो हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव होना है। इसके साथ ही 2024 में लोकसभा का चुनाव भी होगा। ऐसे में जगदीप धनखड़ की उपराष्ट्रपति बनाने से जाट वोटरों बीजेपी के पक्ष में आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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कुल 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ को मिले 528 मत-
इससे पहले आज घोषित हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट के बारे में रिटर्निंग अधिकारी एवं लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों सदनों के 780 सांसदों में से 92.94 प्रतिशत सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले 725 सांसदों में से 15 वोट अमान्य पाए गए। सिंह ने बताया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पड़े 710 वैध मतों में से जगदीप धनखड़ को 528 सांसदों का वोट मिला वहीं मार्गेट अल्वा के पक्ष में 182 सांसदों ने अपना वोट डाला।
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टीएमसी के दो सांसदों ने भी जगदीप के पक्ष में की वोटिंग-
बताते चले कि उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 356 मत प्राप्त करना जरूरी था लेकिन धनखड़ को इससे कहीं ज्यादा प्रथम वरीयता के वोट, 528 प्राप्त हुए और इस तरह से एनडीए उम्मीदवार धनखड़ ने भारी अंतर से विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार को चुनाव हरा दिया। तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने का ऐलान किया था लेकिन बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी के दो सांसदों ने पार्टी निर्देश को दरकिनार करते हुए शनिवार को संसद भवन आकर अपना वोट दिया।
Source: National