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सोयाबीन कीमतों में गिरावट के आसार, कम हो सकते हैं तेल के दाम

इंदौर। देश में तिलहन खासकर खरीफ सीजन की प्रमुख फसल सोयाबीन ने बुवाई के क्षेत्र में रिकॉर्ड बना दिया । सोयाबीन का रकबा बढ़ने से देश में सोयाबीन का उत्पादन पिछले सालों की अपेक्षा अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। बाजार में सोयाबीन की बढ़ती आपूर्ति के बीच मांग कमजोर होने के कारण आने वाले दिनों में तिलहन के दामों में गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है। जिसका असर खाद्य तेल की कीमतों पर पड़ेगा ।

सरकारी आंकड़े और उद्योगिक आंकड़ों में 2.84 लाख हेक्टेयर का अंतर आ रहा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों में देश भर में 114.685 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन फसल की बुवाई हुई। वहीं द सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 117.52 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है। कुल मिलाकर आंकड़े तो बुवाई अधिक बता रहे है, लेकिन देखना यह है कि उत्पादन किताना बैठता है, जिससे सोयाबीन का भविष्य तय होगा।

महाराष्ट्र में रकबा बढ़ा

सोयाबीन उत्पादक दूसरे प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में जोरदार बारिश और बाढ़ के बावजूद रकबा पिछले कई सालों की अपेक्षा अधिक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में जुलाई के अंत तक 45.615 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई जबकि पिछले साल जुलाई 2021 में 43.829 लाख हेक्टेयर, 2020 में 40.741 लाख हेक्टेयर, 2019 में 35.020 लाख हेक्टेयरए 2018 में 37.488 लाख हेक्टेयर और 2017 में 35.449 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई थी ।

प्लांटों की क्रशिंग में कमी

सोपा की तेल वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार बीते तेल वर्ष के मुकाबले इस वर्ष देश में सोयाबीन का उत्पादन ज्यादा रहा । हालांकि सीजन के दौरान मंडियों में आवक और प्लांटों में क्रशिंग कम रही । इसके चलते जुलाई की स्थिति में देश के सोया प्लांट ट्रेडर्स और किसानों के हाथ में सोयाबीन का स्टाक 48.17 लाख टन है। सोयाबीन का भाव 3500 स् 6155 रुपए किवंटल चल रहा है।

फसल पर मौसम की मार

मध्यप्रदेश में मौसम के बार-बार बदलने का असर फसल पर पड़ रहा है। कहीं तेज बारिश तो कहीं गर्मी बढ़ने का असर फसल पर पड़ रहा है। देश में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में इस साल जुलाई महीने में सोयाबीन की बुवाई पिछले कई सालों के अपेक्षा कम हुई है। सोपा के अनुसार मध्य प्रदेश में 50 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई महीने के दौरान मध्य प्रदेश में 48.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई। मध्य प्रदेश में सोयाबीन बुवाई का यह क्षेत्र 2017 के बाद सबसे कम है। पिछले साल इस समय तक यहां सोयाबीन का रकबा 49.76 लाख हेक्टेयर 2020 में 57.17 लाख हेक्टेयर, 2019 में 54.77 लाख हेक्टेयर 2018 में 53.18 लाख हेक्टेयर और 2017 में 47.13 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका था ।