पिता किसान के साथ टेम्पररी वेल्डर हैं लेकिन मेरे जुनून के पीछे पूरा परिवार खड़ा रहा
साई भोपाल में कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक विजेता तूलिका मान और विजय कुमार का सम्मान हुआ। वे बुधवार को भोपाल पहुंचे। भारतीय जुडोका तूलिका मान ने रजत पदक एवं विजय कुमार यादव ने कांस्य पदक जीता है। राजा भोज हवाई अड्डे पर साईं के क्षेत्रीय निदेशक सत्यजीत सांकृत और साई के एथलीटों ने ढोल-नगाड़े और जयकारों के साथ स्वागत किया। हवाई अड्डे से विजेताओं को फूलों से सजी जीप में साई नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लाया गया। साई परिसर में खेल प्रेमियों, कर्मचारियों और एथलीटों ने तिरंगा लहराकर इनका स्वागत किया। जय ने बताया कि मेरा परिवार गरीब है। पिता दशरथ यादव एक किसान हैं जो अभी तक तक टेम्पररी वेल्डर का काम करते रहे। लेकिन मेरे खेल के जुनून के पीछे पूरा परिवार पीछे खड़ा रहा। मुझे आज खुशी है कि मैं देश के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीता पाया हूं। वहीं तूलिका मान ने बताया कि फाइनल में बहुत चुनौती थी। गेम के दौरान कई बार ऐसा लगा कि हार न जाऊं लेकिन दिमाग में ऐसी था कि कैसी भी मुझे फाइनल में तक सफर पूरा करना है। मेरे लिए यह रजत किसी सोने से कम नहीं है। आगे इसका कलर बदलने का प्रयास जरूरी करूंगीं।
बीसीएल के पहले चरण में हुए दो जोन के फाइनल, तीसरे जोन के मुकाबले 16 से
बीयू मैदान में आयोजित बीसीएल फुटबॉल प्रतियोगिता में एसपीएस और कैंपियन की टीमों ने खिताबी जीत दर्ज की है। जोन-1 के फाइनल में एसपीएस गांधी नगर ने बालभवन को 2-0 से हराकर पहले चरण का फाइनल जीता। मैन ऑफ द मैच गोलकीपर दिव्यांश शाक्य व मैन ऑफ द टूर्नामेंट निखिल मीणा रहे। जिन्होंने 6 गोल किए। वहीं दूसरे जोन-2 के फाइनल में कैंपियन ने आईपीएस को 3-0 से एकतरफा परास्त किया। निखिल व अनिकेत ने 1-1 गोल किए। मैन ऑफ द मैच कौशिक रहे। प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट निखिल ङ्क्षसह रहे। वहीं जोन-3 के मुकाबले 16 से 18 अगस्त तक आइकोनिक स्कूल तथा जोन-4 के मुकाबले 19 से 21 अगस्त तक लक्ष्मीपति शिक्षण संस्थान समूह में आयोजित किए जाएंगे।
खेल छात्रावास के लिए 13 बच्चों के अलग से हुए ट्रायल
सीहोर में प्रदेश के एकमात्र स्कूल शिक्षा विभाग के आवासीय खेल छात्रावास के लिए फिर से ट्रायल आयोजित किए गए। टीटी नगर स्टेडियम में 27 और 28 को हुए ट्रायल में 13 बच्चे ट्रायल नहीं दे पाए थे। इसलिए इनके लिए अलग से ट्रायल हुए। छात्रावास के लिए हर साल एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल और कुश्ती खिलाडिय़ों का चयन कर उन्हें वहीं पर आवासीय सुविधा देकर स्कूल के साथ-साथ खेलों की ट्रेङ्क्षनग दी जाती है। पहले 260 खिलाडिय़ों ने ट्रायल दिए थे।
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