देरी से पहुंचे पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, विश्वेंद्र सिंह ने लगाई लताड़
भरतपुर. जनसुनवाई में आई समस्याओं का निस्तारण नहीं करने के मामलों को लेकर नाराजगी जता चुके कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक बार फिर अधिकारियों पर नाराजगी जताई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी के जनसुनवाई में एक घंटा देरी से आने पर उन्होंने जमकर लताड़ लगाई। इससे पहले भी कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह अधिकारियों को जनसमस्याओं का निराकरण नहीं होने पर लताड़ लगा चुके हैं। सर्किट हाउस में मंगलवार को कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जनसुनवाई की। जनसुनवाई में भरतपुर के अलावा डीग-कुम्हेर से भी लोग समस्याओं को लेकर पहुंचे। विश्वेन्द्र सिंह ने समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को जल्द समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय हे कि मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने तीन अगस्त को जनसुनवाई यह कहते हुए निरस्त कर दी थी कि जब अधिकारी जनता का काम ही नहीं करते तो जनसुनवाई करने का क्या फायदा रहेगा। इसके बाद जिला कलक्टर आलोक रंजन ने चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
जनसुनवाई कर दी थी निरस्त, अफसर हुए थे परेशान
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह दो दिन जनसुनवाई में आए परिवादों का समय पर निस्तारण नहीं होने के कारण नाराज चल रहे थे। उन्होंने दो अगस्त को एक ही दिन में तीन बार अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की थी। साथ ही नगर निगम के आयुक्त को खरी-खरी सुनाई थी। ऐसे में अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ था। हालांकि इस कार्रवाई के बाद परिवादों के निस्तारण को लेकर भी जिला कलक्टर ने निर्देश दिए थे।
हकीकत ये…हर बार जनसुनवाई में चंबल परियोजना की शिकायत
हकीकत यह है कि कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की ओर से पिछली चार जनसुनवाई में भी चंबल परियोजना से जुड़ी शिकायत अधिक आने पर अधिकारियों को लताड़ लगाई गई थी। इसके बाद भी कुछ अधिकारियों को जिला कलक्टर की ओर से नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी सुधार नहीं होना चिंता का विषय है। एक बार फिर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी थी। कुछ जनसुनवाई की तारीखों पर नजर डालें तो सामने आया कि 21 जून, पांच अप्रेल, 18 मई व 11 जुलाई को भी सर्किट हाउस में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। हरेक जनसुनवाई में चंबल परियोजना से जुड़ी शिकायतें अधिक आई। अप्रेल माह में हुई जनसुनवाई के बाद तो चंबल प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों को नोटिस दिए गए थे।
Source: Education