नाबालिग से बलात्कार का मामला : पीडि़ता व परिवारजन मुकरे, फिर भी कोर्ट ने अलवर के आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई
अलवर/ दौसा. नाबालिग से बलात्कार के मामले में पीडि़ता व उसके परिवारजनों के घटना से मुकरने के बावजूद डीएनए रिपोर्ट के आधार पर पोक्सो कोर्ट की न्यायाधीश ने आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) के विशिष्ट लोक अभियोजक सुनील कुमार सैनी ने बताया कि जिले के एक थाने में पीडि़ता ने 23 मई 2021 को मामला दर्ज कराया था कि 22 मई को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अभियुक्त पवन मीना ने उसके घर आकर पीडि़ता के पिता की दुर्घटना होने की सूचना दी। इस पर पीडि़ता विश्वास में आ गई तथा अभियुक्त के साथ चली गई। रास्ते में पानी पिलाने के बहाने नशीला पदार्थ दे दिया, जिससे वह बेहोश हो गई। आंख खुली तो दूसरे जिले में एक बंद कमरे में मिली। अभियुक्त ने बंदूक दिखाकर तीन बार बलात्कार किया तथा जंगल में छोड़ गया। पीडि़ता की रिपोर्ट पर पुलिस ने अनुसंधान कर अभियुक्त के खिलाफ पोक्सो कोर्ट दौसा में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह व 20 दस्तावेज पेश किए गए। प्रकरण में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब पीडि़ता व उसके परिवारजनों ने पक्षद्रोही रहते हुए अभियुक्त के बचाव में बयान दिए। विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि प्रकरण में पीडि़ता का मेडिकल घटना के दूसरे दिन ही कराया गया एवं कपड़ों की जब्ती भी की गई थी। पीडि़ता के आंतरिक वस्त्र पर मिला डीएनए प्रोफाइल अभियुक्त से मिलान होने के आधार पर न्यायाधीश अनु अग्रवाल ने बलात्कार की घटना को सही मानते हुए अभियुक्त पवन कुमार निवासी अलवर को अपहरण व बलात्कार का दोषी मानते हुए 20 वर्ष का कठोर कारावास व 1 लाख 5 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। विशिष्ट लोक अभियोजक का दावा है कि दौसा न्यायालय में इस तरह का यह पहला फैसला है।
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