सरकार की टेंशन बढ़ीः उमा ने शराब दुकान में की तोड़फोड़, बोली- मेरी जान को खतरा
भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (uma bharti) के तीखे तेवरों से एक बार राज्य सरकार (state govt) की मुश्किल बढ़ गई है। पिछले दिनों 7 नवंबर से शराबबंदी की मांग को लेकर अपना आवास छोड़कर जंगलों में रहने का ऐलान करने वाली उमा भारती ने राजधानी भोपाल की एक शराब दुकान पर धरना दिया। उमा भारती ने यह भी कहा है कि उन पर शराब माफिया हमला कर सकते हैं। उनकी जान को खतरा है। यह बातें उमा भारती ने फेसबुक लाइव में भी कही है।
पूर्व सीएम उमा भारती (BJP Leader uma bharti) का शराबबंदी अभियान जारी है। उन्होंने राजधानी के अयोध्या बायपास क्षेत्र की शराब दुकान पर हंगामा कर दिया। इसी दुकान के सामने दुर्गा मंदिर और हनुमान मंदिर है। धर्म स्थल के ठीक सामने शराब दुकान होने से भी उमा बेहद नाराज हैं। उमा जब इस दुकान के सामने पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। प्रशासन के लोग भी वहां पहुंच गए। उमा दुकान के सामने ही कुर्सी डालकर बैठ गईं। उमा को बैठा देख आसपास से भी लोग जमा हो गए और बड़ी संख्या में लोग उमा के समर्थन में उतर आए। इस दौरान महिलाओं ने दुकान में तोड़फोड़ कर दी। दुकान के आसपास लगा हरा कपड़ा फाड़ दिया।
हाथ जोड़े खड़ा रहा मैनेजर
उमा के पहुंचने पर शराब दुकान का मैनेजर भी वहां पहुंच गया था। उमा उसे समझाती रही। उमा ने मैनेजर को शराब के दुष्प्रभाव बताए और जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए अपने अभियान में शामिल होने की अपील की। इस दौरान दुकान संचालक हाथ जोड़कर खड़ा रहा। इधर, उमा भारती शराब दुकान से जल्दी ही वापस लौट गई। उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए कहा है कि उनकी जान को खतरा है, शराब माफिया उन पर हमला कर सकते हैं।
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अपनी सरकार पर लगाए आरोप
नाराज उमा भारती ने अपनी ही सरकार पर आरोप भी लगाए। उमा ने कहा कि पिछले 6 माह से सरकार से यह मांग कर रही हूं कि यह दुकान बंद की जाए। सितम्बर में यह दुकान बंद हनी थी तो तीन दिन बाद ही स्टे आ गया। उमा ने कहा कि दुकान वाले को इतना समय दे दिया गया कि वो स्टे ले आया। उन्होंने शराब माफिया के हमले की आशंका भी जताई। उन्होंने कहा कि शराब दुकान खुलने का विरोध करने वाले हर जाति-धर्म के लोग हैं। शराब दुकान का विरोध करने वालों की संख्या ज्यादा है। लेकिन दुकान चलाने वालों के पास सत्ता की ताकत है। उमा ने कहा कि सत्ता को जो शक्ति शराब दुकान संचालकों को दी है, वह उनसे वापस लेना चाहिए। उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि दलील में हमारी पार्टी के लोग शराब के मसले पर दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। मंदिर के सामने दुकानें खोले जाने का विरोध कर रहे हैं। इसलिए यदि यहां आंदोलन कर रहे हैं तो यह जायज है।
Source: Education