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आवास योजना में ठगे जा रहे हितग्राही, मैदानी अमला कर रहा हेराफेरी

सिंगरौली. धनतेरस पर प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित हितग्राहियों को गृहप्रवेश कराया गया। इस मौके पर उन हितग्राहियों में निराशा का माहौल रहा, जिन्हें आवास स्वीकृत होने के बावजूद पक्के मकान की छत नसीब नहीं हुई। पंचायत विभाग के मैदानी अमले की मनमानी व हेराफेरी हितग्राहियों के निराशा मुख्य वजह है। ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री आवास योजना अभी तक 30 फीसदी आवास अधूरे हैं।

जिले के करीब एक लाख से अधिक हितग्राहियों के आवास की पहली किस्त जारी हो चुकी है। इसके बावजूद केवल 70 हजार आवास ही पूर्ण हो सके हैं। अधिकारियों के मुताबिक 65 हजार से अधिक आवासों के लिए चारों किस्त जारी हो चुकी है। इस स्थिति में भी अभी दो हजार से अधिक हितग्राहियों का आवास पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान स्थिति पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक 85 हजार से अधिक आवास के लिए दो किस्त और 72 हजार से अधिक आवास के लिए तीन किस्त जारी की जा चुकी है।

देवसर में सबसे अधिक गोलमाल
आवास निर्माण में सबसे अधिक हेराफेरी देवसर में की गई है। यह बात और है कि आवास निर्माण की सबसे खराब स्थिति चितरंगी में है। वहां केवल 70 प्रतिशत आवास तैयार हुए हैं। जबकि बैढऩ में करीब 75 फीसदी और देवसर में 80 फीसदी आवास तैयार हुए हैं। फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले में देवसर की ग्राम पंचायतों से सबसे अधिक शिकायत दर्ज की गई है।

ये हैं उदाहरण
केस – 01
जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत पापल निवासी ममता सोनी के नाम आवास स्वीकृत हुआ था। आवास की किस्त भी जारी हुई, लेकिन आरोप है कि रोजगार सहायक ने फर्जी जियो टैगिंग कर तीन किश्त निकाल ली। हितग्राही को राशि मिली होती तो धनतेरस पर उनका भी गृह प्रवेश हो जाता।

केस – 02
खंधौली ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव करूणेश व वर्तमान सचिव उमेश द्विवेदी द्वारा आवास निर्माण का फर्जी सत्यापन कर राशि निकाल ली गई। शिकायत पर सीइओ जिला पंचायत ने जांच कराई तो आरोप सही साबित हुआ। दोनों को निलंबित कर दिया गया है। दर्जन भर हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हो गए।



Source: Education