25 हजार रूपए की योजना, 10 हजार बेटियों के अटके पैसे
सीधी. महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को शैक्षणिक सत्र 2022 की छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाया है। इसका कारण शिक्षा विभाग के पोर्टल से समग्र आइडी और जन्म तिथि मिलान में आ रही तकनीकी खराबी बताई गई है। इसके चलते लाड़ली छात्राओं के परिजन बार.बार आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर महिला बाल विकास विभाग में चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं। योजना में कॉलेज में प्रवेश पर 25 हजार रूपए का प्रावधान है पर महज 71 को ही ये छात्रवृत्ति मिली है.
लाड़ली लक्ष्मी योजना के शुरुआती वर्ष 2006 से 2022 तक जिले में 1.53 लाख बालिकाओं को पंजीकृत किया गया है। इनमें 10 हजार से अधिक बालिकाएं कक्षा छठवीं से लेकर बारहवीं तक अध्ययनरत हैं। ये बालिकाएं छात्रवृत्ति का इंतजार कर रही हैं। इधर विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल 2021 में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही छात्रवृत्ति का वितरण कर दिया गया था। इस वर्ष 2022 में सरकार महिला बाल विकास विभाग में पंजीयत बालिकाओं की समग्र आइडी, शैक्षणिक स्थिति और जन्म तिथि का मिलान एवं सत्यापन शिक्षा विभाग के पोर्टल से करा रही है। इस सत्यापन के दौरान कुछ केस में अलग अलग जानकारी सामने आने पर शिक्षा पोर्टल स्वीकार नहीं कर रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को लगाया गया है। इसका सत्यापन पूर्ण न होने पर छात्रवृत्ति का मामला लटका हुआ है। लाड़लियों के खाते में छात्रवृत्ति नहीं आ रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत 71 बालिकाओं ने 12वीं पास कर कॉलेज में प्रवेश लिया है। इन बालिकाओं को ग्रेजुएशन पढ़ाई के लिए 25 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है।
लाड़ली लक्ष्मी को छात्रवृत्ति का ये प्रावधान
पंजीकृत बालिका को कक्षा छठवीं में प्रवेश पर दो हजार रुपए, कक्षा नौंवी में प्रवेश पर चार हजार रुपए, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर छह हजार रुपए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। लाड़ली लक्ष्मी को ग्रेजुएशन पढ़ाई के लिए 25 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है।
सीधी के महिला सशक्तिकरण अधिकारी आशीष त्रिपाठी के अनुसार लाड़ली लक्ष्मी की छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत बालिकाओं के डाटा का मिलान शिक्षा विभाग के पोर्टल से किया जा रहा है। इसकी कुछ तकनीकी समस्याओं का समाधान शेष है। इसके बाद छात्रवृत्ति के आदेश शासन स्तर से होंगे।
Source: Education