fbpx

प्रधानमंत्री की आवास योजना में भ्रष्टाचार उजागर, अब जेल जाएंगे कई लोग

कुक्षी (धार)। देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकानों के घोटाले भी कम नहीं है। जिले में यह दूसरा मामला है जब पीएम आवास योजना के आवासों में और पैसों में धांधली करने वालों पर एफआईआर (FIR) दर्ज हुई है।

जनपद पंचायत के तहत आने वाली ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास में घोटाला करने वाले पूर्व सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। पंचायत उमरी के आवासों में धांधली करने प्रकरण दर्ज हुआ है। जनपद कुक्षी ने यह दूसरा प्रकरण दर्ज करवाया। जबकि इसके पूर्व भी ग्राम पंचायत कापसी में प्रधानमंत्री आवास में गडबड़ी को लेकर एक एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है।

 

पंचायत समन्वयक अधिकारी फरियादी युवराज निंगवाल, सहायक लेखाअधिकारी गिरीश खामगावकर ने मामला दर्ज कराया है। जनपद पंचायत कुक्षी ने हमराह वास्तविक हितग्राहियों से भिन्न अन्य व्यक्तियों के बैंक खाता नंबर पंजीबद्ध कर त्रुटीपूर्ण खातों में कुल 305000 रुपए का आहरण किया। पत्र में त्रुटीकर्ता ग्राम पंचायत उमरी की तत्कालीन सरपंच कुसुम बघेल निवासी लुन्हेरा, ग्राम उमरी सचिव मडिया जमरा एवं ग्राम रोजगार सहायक कुक्षी जनपद क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के दौरान गांव की महिला सरपंच ने भ्रष्टाचार किया हैं। इस बात की शिकायत मिलने पर पहले जनपद कार्यालय में विभागीय जांच की गई। जिसमें यह बात सामने आई कि मृत व्यक्ति के नाम पर आरोपियों ने सांठगांठ करते हुए राशि निकाली।

 

 

 

जनपद कार्यालय कुक्षी के पंचायत समन्वयक अधिकारी युवराज निंगवाल ने बताया कि आरोपियों ने हितग्राही क्रमांक 1 रुखडिया पिता हागरिया के नाम पर योजना स्वीकृत हुई थी। पर राशि आवंटन के दौरान पात्र हितग्राही की जगह रुखडिया गमीर का खाता दर्ज कर लाभान्वित किया। इसी तरह बहादुर पिता भावसिंह निवासी लुन्हेरा को योजना का लाभ दिलवाने की बात बताई, किंतु जांच में यह बात सामने आई कि हितग्राही पिछले 8 सालों से इंदौर में निवास कर रहा है। साथ ही वास्तविक हितग्राही लाभ से वंचित है।

एसडीएम ने जांच दल गठित किया

भाजपा नेता वीरेंद्र बघेल द्वारा ग्राम पंचायत बडग्यार व उमरी में प्रधानमंत्री आवास योजना में किए भ्रष्टाचार को लेकर एसडीएम को आवेदन दिया था। सोमवार को इस मामले में धरना प्रदर्शन के बाद सोमवार को ही कुक्षी एसडीएम नवजीवन विजय पवार द्वारा इस संबंध में विस्तृत जांच किये जाने के लिए एक जांच दल गठित किया है।

 

जांच दल मे तहसीलदार जीएस डावर, लोक निर्माण विभाग एसडीओ बी परमार एवं निसरपुर पीएचई एसडीओ शीतल वर्मा को जांच दल में शामिल किया है । जांच दल के अधिकारियों द्वारा मामले में जांच करने के बाद एसडीएम को जांच रिपोर्ट सौपी जाएगी।

 

थाने से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना के तहत निहाल सिंह गोधा को प्रथम व द्वितीय किश्त का भुगतान किया। जबकि निहाल की मौत चार साल पहले ही हो चुकी थी। इस तरह से आरोपियों ने कुल 3 लाख 5 हजार रुपए की धोखाधड़ी की थी। टीआई रणजीत सिंह बघेल के अनुसार जनपद कार्यालय से आवेदन प्राप्त होने के बाद वैधानिक कार्रवाई शुरू की गई हैं। तत्कालीन महिला सरपंच, रोजगार सहायक व सचिव ने 3 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। मामले की जांच जारी है।



Source: Education