तात्याना हर्ड: लॉकडाउन में घर चलाने के लिए की सुपरमार्केट में नौकरी, अब इंग्लैंड को विश्व चैंपियन बनाने का दारोमदार
ऑकलैंड. तीन साल पहले तक तात्याना हर्ड सुपरमार्केट में एक मामूली नौकरी करती थीं, कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण खेल गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो चुकी थीं। ऐसे में तात्याना के लिए सुपरमार्केट की नौकरी ही आजीविका का एकमात्र सहारा थीं। हालांकि उन्होंने ट्रेनिंग नहीं छोड़ी थी और तड़के तीन बजे से 10 बजे तक शिफ्ट करने के बाद वे रग्बी मैदान में अभ्यास के लिए पहुंच जाती थी। इसी कड़ी मेहनत के दम पर 27 साल की तात्याना इंग्लैंड की महिला रग्बी टीम में जगह बनाने में सफल रहीं। अब उनका लक्ष्य अपनी टीम को वर्ल्ड कप जिताना है। इंग्लैंड की टीम शनिवार को सेमीफाइनल मुकाबले में कनाडा से भिड़ेगी।
चोटों से रहीं परेशान
हर्ड करियर के शुरुआत में चोटों से बेहद परेशान रहीं। उन्हें लिगामेंट इंजरी के कारण लंबे समय तक मैदान से बाहर रहना पड़ा और जब वे वापसी की राह देख रही थीं, तभी कोरोना महामारी फैल गई और लॉकडाउन लगा दिया गया। लॉकडाउन के चलते तात्याना का खेल छूट गया और कोचिंग से भी आमदनी बंद हो गई, जिसके बाद उन्हें घर चलाने के लिए स्थानीय सुपरमार्केट में नौकरी करनी पड़ी।
बहुत उबाऊ थी जिंदगी
तात्याना ने कहा, तीन साल तक जिंदगी बेहद उबाऊ थी। सुबह जल्दी उठो, सुपरमार्केट की शिफ्ट करो, ट्रेनिंग करो और सो जाओ। इस दिनचर्या से मैं बोर हो चुकी थी। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं विश्व कप में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करूंगी। तात्याना ने कहा, सितंबर में जब मेरा चयन इंग्लैंड टीम में हुआ तो मैं चौंक गई थी।
तीन साल बाद हुई वापसी
इंग्लैंड टीम में तात्याना की तीन साल बाद वापसी हुई, उन्हें अंबर रीड की जगह शामिल किया गया। उन्हें विश्व कप के पूल मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौका मिला, जिसे उन्होंने जमकर भुनाया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तात्याना प्लेयर ऑफ द मैच चुनी गईं। अब फाइनल में भी तात्याना से कोच को इसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है।
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