अवेर मोबिल: रिफ्यूजी कैंप में बीता बचपन अब ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बनाने का दारोमदार
नई दिल्ली. अवेर मोबिल ने कभी सोचा नहीं था कि उनका सपना इस तरह से पूरा होगा। रिफ्यूजी कैंप में अपना बचपन बिताने के बाद की जिंदगी अवेर मोबिल के लिए किसी परीकथा जैसी रही है, जहां उन्हें वह सबकुछ मिला जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। अब वे अपने जीवन के सबसे बड़े सपने को साकार होते हुए देखेंगे। मोबिल को कतर में 20 नवंबर से शुरू होने जा रहे फुटबॉल विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया है। 27 साल के इस युवा खिलाड़ी का यह पहला विश्व कप होगा।
वेस्ट मेटेरियल से बनी फुटबॉल से खेला करते थे
मोबिल के माता-पिता युद्धग्रस्त दक्षिण सूडान से जान बचाकर केन्या के काकुमा आ गए थे जहां यूनाइटेड नेशंस द्वारा संचालित रिफ्यूजी कैंप में रहने लगे थे। इसके एक साल बाद मोबिल का जन्म हुआ। रिफ्यूजी कैंप में मोबिल का बचपन वेस्ट मैटेरियल से बनी फुटबॉल से खेलते हुए बीता। वे गड्ढों से भरे मैदान में हर संभव तरीके से फुटबॉल के गुर सीखने का प्रयास करते थे।
10 साल की उम्र में पहुंचे एडिलेड
दस साल रिफ्यूजी कैंप में बिताने के बाद मोबिल व उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में आकर बस गया था। बस यहीं से उनके लिए सबकुछ बदल गया। एडिलेड में मोबिल के हुनर को पहचाना गया और उन्हें पेशेवर अंदाज में फुटबॉल खेलने का मौका मिला। 16 साल की उम्र में वे कैम्पबेल टाउन सिटी के लिए खेलने लगे और कुछ ही दिनों में टीम के अहम खिलाड़ी बन गए।
केडिज के साथ किया करार
हाल में मोबिल के करियर में उछाल तब आया जब उन्होंने स्पेनिश ला लीगा क्लब केडिज के साथ चार साल के करार पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले उन्हाेंने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप का टिकट दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। अपने प्रदर्शन के दम पर मोबिल रातोंरात बड़ा नाम बन गए।
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