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भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के अचूक उपाय!

सप्ताह के हर वार का कोई निश्चित देव होने की तरह ही हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव (Surya dev) का माना गया है यानि ये सूर्य देव (Surya dev) को समर्पित दिन है। ज्योतिष में भी भगवान सूर्यनारायण (Surya dev) सभी ग्रहों के राजा माने गए हैं। वहीं हिन्दुओं के आदिपंच देव में भी इनका नाम आता है। हिंदू धर्म में रविवार सूर्यदेव का वार माना गया है यानि ये दिन सूर्य देव को समर्पित दिन है।

पंडित एके शुक्ला के अनुसार रविवार को सूर्यदेव (Surya dev) की आराधना करने से अति विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, सूर्य के निमित्त दान-पुण्य करने से बड़े से बड़ा अशुभ भी आसानी से टल जाता है। पंडित शुक्ला के अनुसार वेदों, उपनिषदों व धार्मिक ग्रंथों में भी सूर्यदेव (Surya dev) के महिमा का वर्णन मिलता है। पुराणों में सूर्यदेव की उपासना को सभी रोगों को दूर करने वाला बताया गया है।

सूर्यदेव (Surya dev) को ऐसे करें प्रसन्न :
रविवार को सूर्यदेव (Surya dev) की विशेष आराधना करने से व्‍यक्ति के भाग्य में राजयोग का निर्माण होता है। इस दिन सुबह स्नान आदि कर तांबे के लोटे से सूर्यदेव (Surya dev) को गायत्री मंत्र पढ़ते हुए जल चढ़ाने से हर परेशानी दूर होने लगती है।

यदि कोई नौकरी में प्रमोशन या फिर गंभीर बीमारी से निजात पाना चाहते हैं, तो रविवार को भगवान सूर्यदेव (Surya dev) को जल अवश्य चढ़ाना चाहिए। इससे मनोकामना पूरी हो सकती है। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो यदि आपके जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह नीच के राशि तुला में है तो अशुभ फल से बचने के लिए हर दिन सूर्यदेव (Surya dev) को जल चढ़ाना चाहिए।

किसी का कुंडली अशुभ ग्रहों जैसे शनि, राहु-केतु आदि के प्रभाव में है, तो ऐसे व्यक्ति को भी नियमपूर्वक सूर्यदेव (Surya dev) को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।

ऐसे करें सूर्य देव (Surya dev) को प्रसन्न :
रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें इसके बाद किसी मंदिर या घर में ही सूर्य को जल अर्पित करे इसके बाद पूजन में सूर्य देव (Surya dev) के निमित्त लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करें। गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं और पवित्र मन से नीचें दिए हुए सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह मंत्र ‘राष्ट्रवर्द्धन’ सूक्त से लिए गए है। साथ ही अपने माथें में लाल चंदन से तिलक लगाए।

ऊं खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे।
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।।
आप चाहें तो इस दूसरे मंत्र का जाप कर सकते है।
प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।
या फिर इस मंत्र का जाप करें-
‘उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।
यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।
सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।
यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।’

इन बातों का रखें विशेष ध्यान :
शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके और शाम के समय पश्चिम की ओर मुख करके सूर्यदेव (Surya dev) को जल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि सूर्य को जल चढ़ाते समय गिरने वाले जल वज्र बनकर रोग का विनाश करते हैं।

सूर्योदय के समय सूर्यदेव (Surya dev) को सिर के ऊपर तांबा का पात्र में जल लेकर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करते समय अपनी दृष्टि जलधारा के बीच में रखें, ताकि जल से छनकर सूर्य की किरणें आंखों के बीच में पड़े, इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।

यह हैं उपाय…
1. रविवार को सुबह घर से किसी काम के लिए निकलने से पहले गाय को रोटी दें। संभव हो तो रविवार के दिन गाय की पूजा करें।
2. रविवार के दिन एक पात्र में जल लेकर उसमें कुमकुम डालकर बरगद के वृक्ष पर चढ़ाएं।
रविवार के दिन सुबह घर से निकलने से पहले घर के सभी सदस्य अपने माथे पर चन्दन तिलक लगाएं।
3. मछलियों को आटे की गोली बनाकर रविवार के दिन खिलाएं।
4. चींटियों को खोपरे व शक्कर का बूरा मिलाकर खिलाएं।
5. शुद्ध कस्तूरी को चमकीले पीले कपड़े में लपेटकर रविवार के दिन अपनी तिजोरी में रखें।
इन उपायों को पूर्ण श्रद्धा के साथ करने से जीवन में समृद्धि व खुशहाली आती है।
7. व्रत कर एक समय का भोजन बिना नमक का करें।

सूर्य (Surya dev) की कुंडली में स्थिति:
ज्योतिषचार्यों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो रविवार को सूर्य (Surya dev) के लिए विशेष उपाय करना चाहिए। रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके बाद धूप, दीप से पूजन करें।

रविवार के दिन फलाहार व्रत रहें। सिर्फ एक ही समय फलाहार खाएं। रविवार के दिन सूर्योदय के समय जगें और अपने नित्य कामों को करके भगवान सूर्य (Surya dev) को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, फूल डालकर अर्ध्य करें। रविवार के दिन सूर्य से संबंधित चीजें जैसे कि लाल या पीले रंग के कपड़े, अन्न, गुड, माणिक्य, लाल चंदन आदि दें।

कलह-धन हानि दूर करने के उपाय :
घर में धन की हानि हो रही है या घर में कलह का वातावरण है? ये सब आग्नेय कोण के की वजह से हो सकता है। बिना तोड़ फोड़ के आग्नेय कोण के उपाय के संबंध में पंडित एके शुक्ला का कहना है कि…
1. यदि आपकी रसोई या बिजली का मीटर आग्नेय में न हो और यहां कोई अन्य गंभीर दोष हो तो इस दिशा में लाल रंग का बल्ब या सरसों के तेल एक दीपक अग्नि देवता के सम्मान में चालीस दिन कम से कम एक प्रहर (तीन घंटे) तक अवश्य जलाए।
2. यदि आग्नेय दूषित है तो मंगल देवता व शुक्र देव के निमित्त दान, जाप तथा मंगल यन्त्र, शुक्र यंत्र की आराधना, हनुमद आराधना से शांति व लाभ मिलता है।
3. विघ्नहर्ता विनायक की तस्वीर या मूर्ति रखने से भी उक्त दोष दूर होता है।
4. प्रत्येक शुक्रवार को ब्राह्मण को दही, चीनी, चावल व श्वेत वस्त्र का दान करें।
5. गाय को रोटी पर देसी घी लगाकर गुड़ के साथ अवश्य दें।

सूर्य देव (Surya dev) को खुश करने के यह भी हैं उपाय:
1. रविवार के दिन बरगद(बड़) के पत्ते पर हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें।
2. रविवार के दिन धन संबंधी कार्य न करें, इससे घर में दरिद्रता आती है।
3. रविवार के दिन सुर्यदेव को जल अवश्य चढ़ाऐं तथा सुर्य उपासना करें।
4. रविवार के दिन गरीब, असहाय, रोगी व किन्नरों की सहायता अवश्य करें।
5. रविवार के दिन काली हल्दी की एक गांठ शुभ मुहूर्त में प्राप्त कर अपने घर में, व्यवसायी अपने कैश बॉक्स में तथा व्यापारी अपने गल्ले में रखें, कार्य में सफलता मिलेगी।
6. आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।



Source: Dharma & Karma