मासिक शिवरात्रि पर कल मंगलवार को राशि के अनुसार ऐसे करें पूजा
मार्गशीर्ष यानि अगहन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मंगलवार, 22 नवंबर को पड़ रही है, और इसी दिन पहले ही मार्गशीर्ष यानि अगहन मास की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
इस मंगलवार,22 नवंबर को मासिक शिवरात्रि के दिन सौभाग्य योग बन रहा है। जो इस दिन सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। ऐसे में वे लोग रात्रि प्रहर में शिवरात्रि की पूजा नहीं कर सकते हैं, वे सौभाग्य योग में भगवान शिव की पूजा करके अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। सौभाग्य योग को भाग्य में वृद्धि करने वाला योग माना जाता है।
वहीं मासिक शिवरात्रि पर ही सौभाग्य योग की समाप्ति के साथ ही शाम 06 बजकर 38 मिनट से शोभन योग लग रहा है, जो अगले दिन बुधवार, 23 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
ऐसे में जो लोग मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करेंगे, इस बार वह पूजा शोभन योग में होगी। मान्यता के अनुसार इस शुभ योग में पूजा पाठ करने से व्यक्तित्व का प्रभाव बढ़ता है।
ऐसे में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस दौरान राशि के अनुसार किए गए उपाय अत्यंत लाभप्रद होते हैं…
1. मेष राशि- इस राशि के लोग गुलाल से शिवजी की पूजा करें, साथ ही शिवरात्रि के दिन ॐ ममलेश्वाराय नमः मंत्र का जाप करें।
– इसके अलावा इस दिन शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करें तथा 108 बार ‘नम: शिवाय ॐ नम:’ शिवाय का जप करें।
2. वृषभ राशि- इस राशि के लोग दूध से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।
– इसके अलावा इस दिन गूलर के पेड़ पर रोली से टीका लगाएं और उसके पास एक दीपक जलाकर पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें।
3. मिथुन राशि- इस राशि के लोग ॐ भुतेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें और गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन जल में थोड़ा-सा दूध और कुछ फूल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
4. कर्क राशि- इस राशि के लोग शिवजी के द्वादश नाम का स्मरण करें और पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन पूरी श्रद्धा से शिवलिंग पर दूध अर्पित करें। साथ ही 11 बेलपत्र पर चन्दन से ॐ लिखकर चढ़ाएं और बाद में धूप-दीप आदि से विधिवत इनकी पूजा करें।
5. सिंह राशि- इस राशि के लोग नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और शहद से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन मासिक शिवरात्रि के शुभ अवसर तीन मुखी रुद्राक्ष की विधिवत पूजा करके इसे गले में धारण करें।
6. कन्या राशि- इस राशि के लोग शिव चालीसा का पाठ करें और शुद्ध जल से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन शमी पत्र को साफ़ पानी से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का 11 बार जप करें।
7. तुला राशि- इस राशि के लोग शिवाष्टक का पाठ करें और दही से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन सुबह स्नान आदि के पश्चात शिव मंदिर में जाकर जल में दूध में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
8. वृश्चिक राशि- इस राशि के लोग ॐ अन्गारेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें और दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें।
– इसके अलावा इस दिन प्रातः काल स्नान आदि के बाद शिव जी के “ॐ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ॐ” का मंत्र का 11 बार जप करें।
9. धनु राशि- इस राशि के लोग शिवजी का दूध से अभिषेक करें साथ ही ॐ समेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।
– इसके अलावा इस दिन इस दिन सुबह भगवान शिव और माता पार्वती के सामने घी का दीपक जलाकर उन्हें रसेदार मिठाई का भोग लगाएं।
10. मकर राशि- इस राशि के लोग अनार के रस से शिवजी का अभिषेक करें और शिव सहस्त्रनाम का उच्चारण करें।
– इसके अलावा इस दिन एक मुठ्ठी साबुत चावल लेकर शिव मंदिर में अर्पित करें।
11. कुंभ राशि- इस राशि के लोग दूध, दही, शक्कर, घी, शहद सभी से अलग अलग शिवजी का अभिषेक करें और ॐ शिवाय नमः मंत्र का जाप करें।
– इसके अलावा इस दिन घर के आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा में एक घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर अग्नि देव का ध्यान करें।
12. मीन राशि- इस राशि के लोग मौसम के फल से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ भामेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।
– इसके अलावा इस दिन भगवान शिव को दही और शहद का भोग लगाएं और शिव जी के ॐ शिवाय नमः ॐ’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
मासिक शिवरात्रि पर ये उपाय करेंगे तो दूर होंगी सभी समस्याएं!
– अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए शिवरात्रि के दिन सुबह-सुबह उठकर शिवलिंग पर जल अभिषेक करें, साथ ही शिव मंत्रों का 108 बार जाप करें।
– शनिदोष से पीड़ित भक्तों को इस दिन भगवान शिव को तिल का तेल अर्पित करना चाहिए, साथ ही इस दौरान ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
– शिवलिंग पर गुलाब की पंखुड़िया सुखी दंपति जीवन के लिए चढ़ाएं।
– शिवलिंग पर संतान प्राप्ति के लिए घी चढ़ाएं।
– संतान की परेशानी दूर करने के लिए आटे के 11 शिवलिंग बनाएं और 11 बार उनका जल अभिषेक करें।
Source: Dharma & Karma