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यूपी नीट काउंसलिंग 2022: 15 उम्मीदवारों का प्रवेश रद्द, आरक्षण प्रमाण पत्र में थी गड़बड़ी

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय यानी DGME ने यूपी नीट-2022 परीक्षा काउंसलिंग में सीटें प्राप्त करने वाले 15 उम्मीदवारों के प्रवेश को रोक कर दिया है। इन उम्मीदवारों ने अन्य राज्यों के आरक्षण प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सीट हासिल की थी।

श्रुति सिंह, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा यानी DGME ने गुरुवार को जारी एक आदेश जारी किया। उन्होंने आदेश में कहा, “मामला संज्ञान में आने के बाद दूसरे राज्यों के आरक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर सीट हासिल करने वाले इन 15 अभ्यर्थियों से आरक्षण के लिए अपने दावे से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। इसलिए इन उम्मीदवारों का प्रवेश रद्द कर दिया गया है।”

15 यूपी नीट उम्मीदवारों में 9 को मिले डेंटल कॉलेज सीट
इन 15 उम्मीदवारों में से 9 ने निजी डेंटल कॉलेजों में और शेष ने निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटें प्राप्त की थीं। अभ्यर्थियों को 22 नवंबर को संबंधित दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा गया था।

हालांकि उनमें से 4 उम्मीवार ही डीजीएमई, यूपी ऑफिस आए। शेष उम्मीदवारों को डीजीएमई कार्यालय से उनके पंजीकृत पते पर बुलाया गया था। लेकिन जो आए उन्होंने संबंधित दस्तावेज पेश नहीं किए। और जो अन्य नहीं आए उन्हें ईमेल के माध्यम से दस्तावेज भेजने के लिए कहा गया। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

नीट को लेकर DGME काउंसलिंग नीति
DGME के आदेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश काउंसलिंग हैंडबुक के पेज नंबर 14 पर बिंदु 8 5 के अनुसार, एनसीसी और दिव्यांग प्रमाण पत्र के अलावा अन्य आरक्षण संबंधी दस्तावेज उत्तर प्रदेश सरकार के निर्धारित फॉर्मेट में होने चाहिए।

आरक्षण का लाभ लेने के लिए अन्य राज्यों के एनसीसी और दिव्यांग प्रमाण पत्रों के अलावा अन्य आरक्षण प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।

इसके अलावा नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से तय की गई कट-ऑफ पर ये उम्मीदवार जनरल श्रेणी में प्रवेश के लिए पात्र नहीं थे। उन्होंने आरक्षण का दावा किया लेकिन उत्तर प्रदेश के एक अपीलीय अधिकारी द्वारा जारी दस्तावेज पेश नहीं कर सके।



Source: Education