पुलिस का प्रयास याकूब कुरैशी की गिरफ्तारी, अंडरग्राउंड याकूब कर रहे निकाय चुनाव की तैयारी!
बसपा सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी पर गैंगस्टर लगा और इनाम घोषित हुआ। इसके बाद भी याकूब कुरैशी का कुछ पता नहीं है। पुलिस पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी याकूब कुरैशी की तलाश में कई राज्यों की खाक छान चुकी है।
सूत्रों की माने तो याकूब कुरैशी निकाय चुनाव में महापौर पद के लिए अपने परिवार में से किसी को उम्मीदवार बनवा सकते हैं। बताया गया है कि अंडरग्राउंड याकूब कुरैशी बसपा या फिर रालोद गठबंधन से महापौर टिकट के लिए प्रयासरत हैं।
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पुलिस और भाजपा की कोशिश याकूब निकाय चुनाव से रहे दूर
पुलिस और भाजपा की कोशिश है कि पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी याकूब कुरैशी निकाय चुनाव से दूर रहे। राजनीतिक जानकारों की माने तो निकाय चुनाव में बसपा ही भाजपा को कड़ी टक्कर देती रही है। इस बार बसपा से महापौर के टिकट के दावेदारों में अखलाक परिवार भी है।
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याकूब कुरैशी अंडरग्राउंड होने के बावजूद भी अपने समर्थकों के संपर्क में हैं। जानकारों का कहना है कि अगर याकूब कुरैशी निकाय चुनाव में भूमिका निभाते हैं तो इसका नुकसान भाजपा को हो सकता है।
यहीं कारण है कि भाजपा किसी भी तरह से याकूब कुरैशी को निकाय चुनाव से दूर रखने के लिए प्रयासरत है। दूसरी ओर पुलिस भी पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर कानूनी शिकंजा कस रही है।
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निकाय चुनाव में बसपा और भाजपा में रही है टक्कर
मेरठ निकाय चुनाव में शुरुआत से ही बसपा और भाजपा के बीच मुकाबला रहा है। भाजपा पर निकाय चुनाव में बसपा हावी रही है। अब तक के हुए निकाय चुनाव में तीन बार बसपा और दो बार भाजपा का महापौर बना है।
1989 से 1994 तक पहली बार दिवंगत अरुण जैन नगर प्रमुख बने थे।
1995 से 2000 तक बसपा के अयूब अंसारी नगर प्रमुख रहे।
2000 से 2005 तक बसपा के ही हाजी शाहिद अखलाक महापौर रहे।
नवंबर 2005 से नवंबर 2006 तक अलग-अलग आईएएस और एक कार्यवाहक महापौर रहे।
2006 से 2012 तक भाजपा की मधु गुर्जर महापौर रहीं। मधु गुर्जर भाजपा की पहली महिला मेयर थीं।
2012 से 2017 तक भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया महापौर बने।
2017 में फिर से बसपा ने बाजी पलटी और सुनीता वर्मा महापौर बनीं। बसपा की सुनीता वर्मा ने भाजपा की कांता कर्दम को चुनाव हराया था।
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