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जाति प्रमाण पत्र के फेर में फंसी प्रधानी, बीजेपी नेत्री का प्रमाण पत्र मिला फर्जी

फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए ग्राम प्रधान और सभासद बनने का मामला प्रकाश में आया है। डीएम की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने दोनों के जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए हैं। जिससे प्रधान और सभासद को अपने पद से हटना पड़ेगा। प्रधान का कार्यकाल अभी 3 साल बाकी है। जबकि सभासद का कार्यकाल पूरा हो गया है।

जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद प्रधानी पर लटकी तलवार

गोंडा जिले के पंडरी कृपाल विकासखंड की ग्राम पंचायत निगवाबोध में में अनसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर योगेश कुमार प्रधान चुन लिए गए थे। बीते दिनों शिकायत के बाद डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच किया। जांच में प्रधान योगेश कुमार ही स्पष्ट नहीं कर सके कि वह किस जाति के हैं। अभिलेखों के साक्ष्य में वह पूर्व प्रधान राम नेवास तिवारी के परिवार में दर्ज पाए गए थे। रामनेवास तिवारी का परिवार रजिस्टर में क्रमांक 90 पर दर्ज है। उसी में 90 अ करके योगेश कुमार दर्ज हैं। इसके बाद ही 91 क्रमांक शुरू हुआ है। यही नहीं उनका राशन कार्ड भी पूर्व प्रधान के परिवार में ही एक साथ बना था। बाद में उस राशन कार्ड को निरस्त कराकर अलग राशन कार्ड बनाया गया है। मनरेगा से बना जाब कार्ड में भी सामान्य वर्ग ही दर्ज है। प्रधान बनने से पहले वह मनरेगा के श्रमिक के रूप में पंजीकृत‌ मिले। जांच के बाद डीएम ने योगेश कुमार का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। अब जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद प्रधान पद से भी हटना तय हो गया है।

बीजेपी महिला मोर्चा की जिला मंत्री का जाति प्रमाण पत्र निरस्त

बीजेपी महिला मोर्चा की महामंत्री वंदना गुप्ता ने गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया था। नगर पालिका परिषद गोंडा की पटेल नगर वार्ड से सभासद भी हैं। फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र जारी कराने में भाजपा नेत्री फस गई हैं। इनका प्रमाण पत्र कसौधन जाति दिखाकर बनाया गया था। जिसे अब जांच टीम की रिपोर्ट के बाद निरस्त कर दिया गया है।

लेखपाल ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की भेजी थी, रिपोर्ट

गोंडा गिर्द के लेखपाल ने पहले कसौधन जाति का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिपोर्ट लगाई थी। मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने तहसीलदार को प्रमाण पत्र निरस्त होने की रिपोर्ट भेजी। अपनी रिपोर्ट में लेखपाल ने भाजपा नेत्री को तथ्य छिपाकर प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप लगाया।

सरकारी वेबसाइट से डाटा हटाने के निर्देश

गोंडा सदर के तहसीलदार ने सरकारी व वेबसाइट से डाटा हटाने की संस्तुति किया है। एनआईसी के प्रभारी ग्रिजेश शाही ने बताया कि विभाग के पोर्टल से बंदना गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र हटा दिया गया है।



Source: Education