जोशीमठ में ढहाए जाने वाले मकानों का मुआवजा मिलेगा या नहीं? केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब
Joshimath Sinking: जोशीमठ को बचाने के लिए सरकार ने असुरक्षित मकानों को गिराने का फैसला लिया है। मंगलवार से इस अभियान की शुरुआत भी हो गई है। इस अभियान के तहत उन होटल, घर और भवनों को ढहाया जा रहा है, जिन्हें रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। कार्रवाई की शुरुआत दो होटलों से हुई है। सबसे पहले टीम ने होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जाएगा। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद है। इन दो होटलों के बाद आस-पास के अन्य मकानों को गिराया जाएगा। इस बीच ढहाए जा रहे लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। बुलडोजर पहुंचते ही कुछ लोगों ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी। लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की। इस बीच मंगलवार को जोशीमठ पहुंचे केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने लोगों को दिलासा दिलाने हुए मुआवजे पर एक बड़ी बात कही।
678 मकानों में आई दरारे, दो होटल कराए गए बंद
दरअसल जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। जिससे यहां के मकानों में दरारें बढ़ती ही जा रही है। इस बीच मंगलवार को प्रशासन ने असुरक्षित मकानों को गिराने का अभियान शुरू कर दिया है। जीवन भर की कमाई से बने मकान को छोड़ने का दर्द लिए लोग भारी मन से अपने सामानों को हटा रहे हैं। जोशीमठ में नौ वार्ड के 678 मकान ऐसे हैं जिनमें दरारें हैं। सुरक्षा की नजर से दो होटल को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बंद किए गए हैं।
होटल मालिक ने बंया किया अपना दर्द
मंगलवार को जोशीमठ में जिस होटल से असुरक्षित मकानों को गिराने का काम शुरू हुआ, उस होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैं जनहित में अपने होटल को गिराए जाने के सरकार के फैसले के साथ हूं। लेकिन मुझे इससे पहले नोटिस मिलना चाहिए था और होटल का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
डीजीपी बोले- 87 परिवारों को किया गया शिफ्ट
इधर देहरादून के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मैं जोशीमठ गया था। हमने मौके का जायजा लिया। वहां बहुत से कार्य हो रहे हैं। जो भी मकान खतरे में है उसे गिराया जा रहा है। पहले 603 थे अब 678 हो गए हैं। कुछ लोगों को स्थानांतरित किया गया है, 87 घरों के लोगों को शिफ्ट किया गया है। डीजीपी ने आगे कहा कि स्थानांतरण का कार्य जारी है। SDRF, NDRF की टीमें पहुंच गई है। राज्य सरकार जो भी निर्णय लेगी उसका उत्तराखंड पुलिस पालन कराएगी।
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Source: National