fbpx

Skand Shashthi 2023 Falgun: क्यों रखते हैं स्कंद षष्ठी व्रत, जान लें डेट

Skand Shashthi 2023 Falgun: मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति होती है और संतान को कोई तकलीफ होती है तो वह भी दूर होती है। यह भी माना जाता है है कि इससे प्राणी के समस्त दुखों का नाश होता है। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सुख समृद्धि भी आती है। इनकी आराधना से मान प्रतिष्ठा और विजय की प्राप्ति होती है। यह व्रत अधिकतर दक्षिण भारत में लोग रखते हैं।

फाल्गुन महीने में स्कंद षष्ठी 25 फरवरी शनिवार को पड़ रही है। फाल्गुन षष्ठी की शुरुआत 25 फरवरी 12.31 एएम से हो रही है और यह तिथि 26 फरवरी 12.20 एएम तक है। दक्षिण भारत में यह व्रत छह दिन रखा जाता है, मान्यता है कि इसमें से एक दिन फलाहार किया जाता है। मान्यता है कि इससे सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। स्कंद षष्ठी व्रत धारण करने वाले श्रद्धालु को ऊँ तत्पुरुषाय विधमहेः महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात मंत्र का जाप किया जाता है।

स्कंद षष्ठी पूजा विधि

1. स्कंद षष्ठी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करें।
2. भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को दक्षिण दिशा में मुह करके भगवान कार्तिकेय की पूजा करना चाहिए।
3. इसके बाद भगवान कार्तिकेय के साथ शिव पार्वती की प्रतिमा की स्थापना करना चाहिए।

ये भी पढ़ेंः Horoscope Today: आज आपके लिए उन्नति का योग, ऐसा है शुक्रवार राशिफल

4. पूजा के दौरान घी, दही, जल और पुष्प से पूजा करना चाहिए। कलावा हल्दी, अक्षत, चंदन, इत्र चढ़ाएं।
5. इसके बाद देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव, कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तुते मंत्र का जाप करें।
6. मौसमी फल फूल मेवा चढ़ाएं, पूजा में त्रुटि के लिए भगवान कार्तिकेय से क्षमा मांगें।

7. पूरे दिन व्रत रहें, सायंकाल पूजा के बाद भजन, कीर्तन और आरती करें।
8. रात्रि में भूमि पर शयन करें।

इसका रखें खयाल

1. इस दिन तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
2. इस दिन लड़ाई झगड़ा आदि से बचना चाहिए।



Source: Religion and Spirituality