तापमान वृद्धि से किसानों पर मार, गेहूं की फसल में 20 फीसदी नुकसान
धौलपुर. मौसम में तेजी से आए बदलाव से जहां आमलोग भी चकित हैं तो दूसरी तरफ किसानों की भी चिंता बढ़ गई है। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के लिए तेजी से बढ़ रहा पारा नुकसानदाय साबित होने की आशंका है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में ही अधिकतम तापमान के 30 से 32 डिग्री सेल्सियस पहुंचने पर कृषि वैज्ञानिकों ने भी चिंता जाहिर करते हुए गेहंू की फसल में नुकसान होने की संभावना से इनकार नहीं किया है। इसी तरह तापमान में वृद्धि रही तो जिले में गेहूं की फसल में करीब 15 से 20 फीसदी का नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है। जिले में इस दफा गेहूं की 55 हजार हेक्टेयर में बुवाई की है जिससे 58 हजार 820 हेक्टेयर अनाज प्राप्ति का अनुमान जताया जा रहा है।
पहले बरसात, अब तापमान ने मारा
जिले में इस दफा मानसूनी बरसात का दौर काफी लम्बा चलने से खेतों में काफी समय से पानी भरा रहा। जिससे खेतों में नमी रहने से किसानों से इस दफा गेहूं की फसल बौने पर अधिक जोर दिया। इसकी वजह गेहूं की फसल की पैदावार होने तक बनी नमी कम होने पर अच्छा फायदा मान रहे थे। लेकिन फरवरी माह की शुरुआत के साथ ही तापमान में वृद्धि ने सभी को चौका दिया। अधिक तापमान गेहूं व जौ की फसल के लिए नुकसान दायक है।
अगले माह शुरू हो जाएगी कटाई
गेहूं की फसल इन दिनों खेतों में खड़ी हुई है और होली के त्योहार पर फसल का कटना शुरू हो जाएगी। फसल कटाई में अब ज्यादा दिन बाकी नहीं है। इस वजह से किसानों की चिंता और बढ़ गई है। गेहूं की फसल के लिए अच्छा तापमान अधिकतम 20 से 22 डिग्री माना जाता है। अधिक ज्यादा तापमान होने पर फसल जल्दी पकने से दाना छोटा रह जाता है और पैदावार में कमी आती है।
जिले में बोई रबी फसलों का रकबा इस प्रकार
फसल हेक्टेयर प्राप्ति अनाज
गेहूं 55000 58820
सरसों 85000 76525
जौ 1000 432
चना 1000 407
मसूर 0 02
अन्य दालें 0 01
(सा्रेत: उपनिदेशक कृषि विस्तार कार्यालय)
– मौसम में आए परिवर्तन से विशेषकर गेहूं व जौ फसल की पैदावार को प्रभावित कर सकता है। गेहूं जल्द पक जाएगा, जिससे उसकी पैदावार घट सकती है। जिले में करीब 15 से 20 फीसदी फसल को नुकसान हो सकता है।
– शिवमूरत मीणा, सहायक निदेशक छात्र कल्याण
Source: Education