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अब गुजरात में पढ़ाने के लिए गुजराती आना जरुरी, गुजरात के स्कूलों में गुजराती भाषा अनिवार्य

Gujarati language compulsory: अब गुजरात के स्कूलों में गुजराती भाषा की शिक्षा आवश्यक है। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक, सभी सरकारी स्कूलों में गुजराती भाषा अनिवार्य कर दी जाएगी। गुजरात सरकार बजट सत्र के दौरान एक विधेयक पेश करके ऐसा करेगी। मसौदा विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। सभी सरकारी बोर्ड स्कूलों को इस नियम का पालन करना होगा। आपको बता दें कि गुजरात उच्च न्यायालय ने इस संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार से सभी छात्रों के लिए गुजराती भाषा पढ़ने की व्यवस्था करने को कहा था। गुजरात सरकार के मंत्री ने विधानसभा में घोषणा करते हुए चुडासमा ने कहा “सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी, सीआईएसईसी या आईजीसीएसई सहित वे किसी भी बोर्ड से संबद्ध हों, गुजराती पढ़ाना राज्य के हर स्कूल के लिए अनिवार्य होगा।

 

कब और कैसे लागू होगा नियम –

यह निर्णय आगामी शैक्षणिक वर्ष के जून में प्रभावी होगा। यह फैसला उन स्कूलों में प्रभावी होगा जहां दूसरे सत्र से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। गुजराती को शुरू में कक्षा 1 और 2 में प्रारंभिक भाषा के रूप में इस विचार के साथ पढ़ाया जाएगा कि इस निर्णय से छात्रों को अचानक कोई असुविधा नहीं हो। गुजरात सरकार की यह घोषणा गुजरात उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी के बाद आई है जिसमें गुजरात के सभी स्कूलों में गुजराती भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाने की मांग की गई थी।

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आप को बता दे की इस महीने की शुरुआत में प्राथमिक शिक्षा के राज्य निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी कि गुजराती-माध्यम के स्कूलों के अलावा अन्य स्कूल गुजराती पढ़ा रहे हैं। जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की पीठ ने कहा कि स्कूलों में गुजराती भाषा को पढ़ाने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं था खासकर निजी स्कूलों में।

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Source: Education