हंसने के दो तरीके जो कई रोगों से बचा सकते हैं, जानें इनके बारे में
दिनभर में एक बार अगर आप दिल खोलकर हंसते हैं तो रोगों से दूर रहने के साथ बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं। यही कारण है कि लाफ्टर को एक तरह की दवा भी कहा जाता है। कई शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है। इसे एक थैरेपी के रूप में भी शामिल किया गया है जिसे लाफ्टर थैरेपी कहते हैं। कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर ऑफ अमरीका के मुताबिक कैंसर रोगी के इलाज में भी यह थैरेपी दी जा रही है। जिसे एक फिजिकल एक्सरसाइज की तरह माना जाता है।
हंसी के हजारों फायदे-
हंसते समय शरीर में ऑक्सीजन का संचार अधिक होता है इससे हृदय और फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
हंसने का असर तनाव से परेशान लोगों पर ज्यादा देखा जाता है। हंसने से तनाव दूर होता है जो कई रोगों का कारण है।
शरीर की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं व विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं।
पाचन क्षमता बेहतर होने से पेट से जुड़े रोगों की आशंका कम हो जाती है।
दर्द वाले हिस्सों में आराम होता है।
दो तरह की होती है हंसी
मुंह फुलाकर हंसना-
ऐसी स्थिति में मुंह में ऑक्सीजन भरकर मुंह बंद करते हैं और हंसने की कोशिश करते हैं। इससे चेहरे की एक्सरसाइज होती है। साथ ही इससे चेहरे पर उम्र के बढ़ते प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मुंह खोलकर हंसना-
जोर-जोर से मुंह खोलकर हंसने से शरीर के अंदर की कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालती है। इससे व्यक्ति खुद को रिलेक्स महसूस करता है। गैस व एसिडिटी नहीं होती। मांसपेशियां रिलेक्स होंगी।
ध्यान रखें –
कभी भी खाना खाने के तुरंत बाद ठहाका मारकर न हंसे। लाफ्टर का सबसे अच्छा समय सुबह का है। इस दौरान याद रखें कि खाली पेट ही हंसें। इसे वर्कआउट के पहले या बाद में कर सकते हैं।
हमेशा दिल खोलकर हंसें ताकि शरीर की मांसपेशियों पर इसका सकारात्मक असर पड़े।
Source: Health