बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मरीज को रोज 4-5 किमी. वॉक करना जरूरी
Bariatric surgery In Hindi: मोटापा सिर्फ शारीरिक बनावट से जुड़ी समस्या नहीं है बल्कि अनेकों बीमारियों से भी जुड़ी है। अब इसके इलाज की कई तकनीकें उपलब्ध हैं। जिन लोगों का वजन निर्धारित मानक से अधिक है और डाइट, व्यायाम या अन् तरीकों से फायदा नहीं हो रहा है तो उनके लिए बैरियाट्रिक सर्जरी भी एक विकल्प हो सकती है।
सर्जरी की जरूरत
मानक के अनुसार वजन जानने के लिए हर व्यक्ति की बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) निकालते हैं। सामान्य लोगों का बीएमआई 18-25 के बीच होता है जिनका बीएमआई 37.5 से अधिक है, वे वजन घटाने के लिए सर्जरी करा सकते हैं। ऐसे लोगों को मोटापे के कारण बीमारियां होने लगती हैं। पुरुषों की कमर अगर 36 इंच और महिलाओं की 32 इंच से ज्यादा है तो वे मोटापा की श्रेणी में ही आते हैं।
तुरंत नहीं घटता है वजन
बैरियाट्रिक सर्जरी के बारे में लोग सोचते हैं कि इसमें तुरंत वजन कम हो जाता है। दरअसल इस सर्जरी में केवल आंतों को छोटा किया जाता है जिससे भूख कम लगती है और डाइट कम हो जाती है। इससे धीरे-धीरे वजन घटता है। इसमें मरीज को खानपान-व्यायाम संबंधी सलाह मानने से अच्छे नतीजे मिलते हैं।
सर्जरी से लाभ
वजन घटाने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी को कारगर माना जाता है। सर्जरी के 2-3 दिन बाद ही मरीज की हॉस्पिटल से छुट्टी हो जाती है। मरीज 10-15 दिन बाद से अपने काम पर वापस लौट सकता है। मरीज का वजन कम होने से उसकी दिनचर्या सामान्य होने लगती है। डाइटिंग और दवाइयों से वजन कम करने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जो इस सर्जरी से नहीं होते हैं। मरीज का वजन कम होने से उसे डायबिटीज, हाईपरटेंशन, थायरॉइड जैसे मोटापे से होने वाली बीमारियों में राहत मिलती है। मरीज मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ महसूस करता है।
सर्जरी से पहले ये : मरीज को कई तरह की जांच कराते हैं। मरीज को 5-7 दिन पहले से लिक्विड डाइट दी जाती है। इसमें छाछ, स्किम्ड दूध, दाल का पानी, फलों का जूस, काली चाय आदि देते हैं। सॉफ्ट/ कोल्ड ड्रिंक्स नहीं देते (चीनी अधिक होती) हैं। जिन्हें कोई समस्या नहीं है उन्हें रोजाना 2-3 किमी. वॉक और व्यायाम करवाते हैं।
सर्जरी के बाद: बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मरीज को रोज 4-5 किमी. वॉक करना जरूरी है।
Source: Health