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Baisakh Amavasya 2023: सर्वार्थ सिद्धि योग में हिंदू नववर्ष की पहली अमावस्या, जानें बैसाख अमावस्या के दिन क्या करें, क्या न करें

बैसाख अमावस्या 2023(Vaisakh Amavasya ): हिंदू नववर्ष की पहली अमावस्या पांच दिन बाद यानी 20 अप्रैल को है। अमावस्या पर श्राद्ध, तर्पण, गंगा स्नान, दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देकर, भगवान विष्णु की पूजा करने, जरूरतमंदों को भोजन कराने और दान देने से पितृ दोष और काल सर्प दोष से छुटकारा मिलता है।

इस बार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिससे यह अमावस्या बेहद शुभ हो गई है। इस दिन की गई पूजा विशेष फलदायी होती है और सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया हर शुभ काम सफल होता है। इधर, आइये जानते हैं बैसाख अमावस्या पर क्या करें, क्या न करें।

वैशाख अमावस्या पर करें यह काम

1. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। नहाते समय यदि दायें हाथ की तर्जनी से जल में त्रिकोण बनाएं तो धन की कमी दूर होती है।
2. वैशाख अमावस्या के दिन जल में तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। बहते हुए जल में तिल बहाएं। इससे ग्रह दोष दूर होते हैं।

3. पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए अमावस्या के दिन व्रत रखना चाहिए। इससे पितर आशीर्वाद देते हैं। इससे आत्मबल भी बढ़ता है।
4. पितरों की शांति के लिए स्नान तर्पण करें, गरीब व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें। वस्त्र, अन्न आदि दान करें। इससे पितरों को मुक्ति मिलती है।

5. इस दिन शनि जयंती भी होती है। इस दिन शनि देव को तिल और सरसों का तेल आदि अर्पित करना चाहिए।
6. प्रदोषकाल में दीपदान से अकाल मृत्यु नहीं होती, प्रदोषकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सात दीये जलाने से रोग से मुक्ति मिलती है।

9. वैशाख अमावस्या के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने के बाद चांदी का नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन नाग नागिन का जोड़ा खरीदकर जंगल में छोड़ना चाहिए। इस दिन नव नाग स्त्रोत का 108 बार पाठ करना चाहिए। इसके अलावा 11 नारियल जल में प्रवाहित करना चाहिए।
10. इस दिन सत्तू के दान से सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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वैशाख अमावस्या पर न करें यह काम
1. वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल को है, इस दिन देर तक सोना वर्जित है। ऐसा करने पर पितर और देवता रूष्ट होते हैं।
2. इस दिन तामसिक वस्तुओं का उपयोग न करें, इस दिन किसी से वाद विवाद में नहीं पड़ना चाहिए वर्ना नाराज शनि देव धनवान को भी कंगाल कर देते हैं।

3. इस दिन किसी पर भी गुस्सा न करें, बड़ों का अपमान करने से बचें। असहाय व्यक्ति को परेशान न करें। इससे शनि देव नाराज हो सकते हैं।
4. इस दिन मांगलिक कार्यों की शुरुआत करने से परहेज करें।

5. इस दिन उड़द से बनी कोई चीज न खाएं वर्ना शनि देव की पूजा निष्फल हो जाएगी।
6. सूर्य ग्रहण की अवधि में पीपल और तुलसी की पूजा न करें, ग्रहण के बाद पीपल के पेड़ के सामने दीप जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें। इससे शनि की ढैया, साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों में कमी आती है।



Source: Religion and Spirituality