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चरवाहे से इश्क हुआ, रशीदा ने किया निकाह, अब दोनों फर्जी कागजात तैयार करने आरोपी

घग्घर नदी के प्रवाह क्षेत्र, जहां कभी हड़प्पा कालीन सभ्यता परवान चढ़ी, वहीं गाय चराते यासीन और रशीदा के बीच इश्क हुआ। इश्क परवान चढ़ा तो दोनों ने निकाह कर लिया। कई साल तक गृहस्थी की गाड़ी आराम से चली। अब दोनों एक मुकदमे में आरोपी हैं। श्रीगंगानगर की पुलिस ने बताया है कि इनकी दोनों की प्रेम कहानी आठ-दस पहले शुरू हुई। रशीदा बांग्लादेश से दिल्ली होते हुए हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे पहुंची। यहीं इसकी मुलाकात बीकानेर महाजन कस्बे से घग्घर नदी के प्रवाह क्षेत्र में गाय चराने आए यासीन से हुई।

बेटी लेकर भारत आई तो पता चला रोहिंग्या है

रशीदा शादीशुदा थी और अपनी एक बेटी को बांग्लादेश में छोड़कर भारत आई थी। यासीन की तब तक शादी नहीं हुई थी। घर बसाने के लिए यासीन ने रशीदा के सामने निकाह का प्रस्ताव रखा तो उसने सहर्ष स्वीकार कर लिया। शादी के बाद यासीन ने धंधा बदल लिया। वह सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में कबाड़ बीनने का काम करने लगा। महाजन में रहते हुए रशीदा को कई साल हो गए तो उसने ई-मित्रा से आधार कार्ड सहित कई कागजात बना लिए। बाद में वह बांग्लादेश जाकर अपनी बेटी को भी ले आई। उसका बांग्लादेश से आई रोहिंग्या मुसलमान होने का राज तब खुला जब वह अपनी बेटी का आधार कार्ड बनवा रही थी।

बहन भी बीकानर में सूरतगढ़ में किया निकाह

सेना की खुफिया शाखा ने शक होने पर इसकी सूचना जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर को दी। इस पर रशीदा और उसके पति को हिरासत में लिया गया। बीकानेर के संयुक्त पूछताछ केन्द्र में हुई पूछताछ में सारा भेद खुल गया। रशीदा ने यह जानकारी भी दी कि उसकी एक बहन आसमा उर्फ हमीदा श्रीगंगानगर जिले की सूरतगढ़ तहसील के गांव सरदारगढ़ में मोहम्मद अली के घर है। आसमा इसी साल फरवरी में बांग्लादेश से आई थी। रशीदा ने उसका निकाह मोहम्मद अली से करवा दिया। बीकानेर पुलिस से यह जानकारी मिलने के बाद श्रीगंगानगर पुलिस ने आसमा को हिरासत में लेकर संयुक्त पूछताछ केन्द्र में पूछताछ की है।

असमा को अलवर डिटेंशन सेंटर भेजा

सूरतगढ़ तहसील के गांव सरदारगढ़ से हिरासत में ली गई आसमा उर्फ हमीदा को संयुक्त पूछताछ केन्द्र में विभिन्न एजेंसियों की पूछताछ पूरी होने पर अलवर डिटेंशन सेंटर भिजवाया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने बताया कि आसमा बिना पासपोर्ट भारत में आई थी। यहां उसने कोई दस्तावेज नहीं बनवाया, इसलिए उसे केन्द्रीय कारागार अलवर में बने डिटेंशन सेन्टर भिजवाया गया। वहां से उसे पुश बैक कर बांग्लादेश भेजा जाएगा।



Source: Lifestyle