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KL Rahul को WTC फाइनल टीम में शामिल करना समझ से परे, 11 के औसत से रन बनाने वाले को इतने मौके क्यों

WTC Final KL Rahul : 28 मई को इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें सीजन का फाइनल खेला जाएगा। इसके ठीक 10 दिन बाद 7 जून को लंदन के ओवल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाना है। जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस फाइनल मैच के लिए अपने 15 सदस्य टीम का एलान एक सप्ताह पहले ही कर दिया था। लेकिन भारत ने अपने 15 सदस्य टीम का ऐलान मंगलवार की सुबह किया। जिसमें कई संतोषजनक फैसले दिखे। जैसे की 15 महीने से टीम से बाहर चल रहे अजिंक्य रहाणे को आईपीएल में उनके शानदार प्रदर्शन का इनाम मिला और 15 सदस्य टीम में उन्होंने जगह बनाई। लेकिन हैरानी वाली बात यह रही कि क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में लंबे समय से फ्लॉप चल रहे केएल राहुल को फिर से मैच के लिए टीम में शामिल किया गया है।

केएल राहुल का औसत सिर्फ 11 का

केएल राहुल का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के लिए बेहद खराब रहा है। केएल राहुल ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में खेला था। जहां उन्होंने पहली इनिंग में 17 तो दूसरी इनिंग में 1 रन बनाया था केएल राहुल के बल्ले से आखिरी शतक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 2021 में आया था। जहां उन्होंने 123 रन की पारी खेली थी। इस शतक के बाद उनका बेस्ट स्कोर सिर्फ 50 रन का रहा है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि एक खिलाड़ी को चयनकर्ता इतना मौका क्यों दे रहे हैं जबकि वह लगभग पिछले 2 सालों से बिल्कुल ही रन नहीं बना रहे।

पिछले दस पारियों में केएल राहुल के रिकॉर्ड

1. 12 रन बनाम साउथ अफ्रीका (2022)
2. 10 रन बनाम साउथ अफ्रीका (2022)
3. 22 रन बनाम बांग्लादेश (2022)
4. 23 रन बनाम बांग्लादेश (2022)
5. 10 रन बनाम बांग्लादेश (2022)
6. 2 रन बनाम बांग्लादेश (2022)
7. 20 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया ( बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023)
8. बैटिंग नहीं आई
9. 17 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023)
10. 1 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया ( बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023)

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पिछले 10 पारियों की बात करें तो कल राहुल ने अब तक कुल 17 रन बनाए हैं। जिसमें उनका औसत सिर्फ 11 का रहा है। जो कि एक इंटरनेशनल खिलाड़ी के लिहाज से बेहद कम है। इस दौरान उनके बल्ले से 25 रन भी एक पारी में नहीं निकला है। आईपीएल में केएल राहुल ठीक-ठाक बल्लेबाजी कर रहे हैं। लेकिन यहां उनकी धीमी बल्लेबाजी के कारण टीम को लगातार परेशानी हो रही है।

अब केएल राहुल को चुनकर सेलेक्टर ने सही किया है या गलत यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन उनके पिछले कुछ मैचों के रिकॉर्ड को देखें तो उनको जितना मौका दिया गया है, उतना ही मौका अगर करुण नायर या मयंक अग्रवाल जैसे बल्लेबाजों को दिया गया होता तो उन्हें भी अपने आप को साबित करने का अच्छा खासा समय मिल गया होता।

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Source: Sports