Music Therapy in Dementia: किस तरह म्यूजिक थेरेपी डिमेंशिया में कर सकती है मदद, जानिए यहां
Music Therapy in Dementia: बढ़ते समय के साथ बढ़ती बीमारियों में डिमेंशिया का नाम शुमार है। डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं उनमें अक्सर बिहेवियर सम्बन्धी परेशानियां देखी जा सकती हैं। दी सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के हिसाब से डिमेंशिया एक ऐसा शब्द है जिससे कई डिसॉर्डर जुड़े हैं जो किसी की मेमोरी, सोच और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। जिन लोगों को डिमेंशिया होता है उनके लिए कम्युनिकेशन मुश्किल हो सकता है। एक स्टडी के अनुसार म्यूजिक थेरेपी डिमेंशिया डिसॉर्डर में सहायक हो सकती है। स्टडी से पता चलता है कि म्यूजिक थेरेपी से डिमेंशिया से पीड़ित लोगों और उनकी देखभाल करने वालों के बीच सोशल इंटरेक्शन में सुधार हो सकता है। इससे पेशेंट की देखभाल करने वालों को उनसे कम्यूनिकेट करने में बड़ी मदद मिल सकती है।
अल्जाइमर डिजीज एंड एसोसिएटेड डिसऑर्डर में पब्लिशड एक स्टडी में पाया गया कि म्यूजिक थेरेपी का उपयोग करने से डिमेंशिया से पीड़ित लोग और उनकी देखभाल करने वालों के बीच सोशल कंनेक्ट में सुधार हुआ। इससे पेशेंट की देखभाल करने वाले का स्ट्रेस भी कम होते देखा गया है। म्यूजिक थेरेपी में मूड को बेहतर बनाने और हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए म्यूजिक का उपयोग करना शामिल है। इस स्टडी में रिसर्चर्स ने डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों की सहायता के लिए “म्यूजिकल ब्रिज टू मेमोरी” (एमबीएम) नामक 12-सप्ताह के कार्यक्रम का उपयोग किया।
मेडिकल न्यूज़ टुडे में एक आर्टिकल में ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी के स्कॉट होरोविट्ज़, एलपीसी, क्लीनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर, ने रिसर्च का खुलासा करते हुए कहा की रिसर्च से जुड़े एक्सपर्ट्स ने सबसे पहले पेशेंट्स से उनके पसंदीदा संगीत के बारे में पूछा और उनके बिहेवियर का आकलन किया। साथ ही यह भी देखा की उनका डिमेंशिया कितना गंभीर है । रिसर्चर्स का मानना था कि म्यूजिक थेरेपी का उपयोग करते समय पेशेंट की पर्सनल चॉइस को ध्यान में रखाना महत्वपूर्ण है क्योंकि हर कोई संगीत को अलग तरह से अनुभव करता है। हर व्यक्ति की यादें उनके द्वारा अनुभव किए गए संगीत से जुड़ी होती हैं। उदाहरण के लिए, एक गाना जो एक व्यक्ति को आराम देता है वही गाना की और में एनर्जी पैदा कर सकता है।
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डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों में अक्सर बिहेवियर संबंधी समस्याएं होती हैं जो उनके साथ-साथ उनकी देखभाल करने वाले लोगों के लिए स्ट्रेस का कारण बन सकती हैं। इन समस्याओं में अग्रेसिव या पागल होना, भटकते हुए गुम हो जाना या सोने में परेशानी जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं। इस तरह के बिहेवियर को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। दी नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन में पब्लिश हुए एक स्टडी में पाया गया है कि म्यूजिक थेरेपी से डिमेंशिया के पेशेंट्स में कॉग्निटिव फंक्शन और लॉन्ग-टर्म डिप्रेशन में सुधार लाया जा सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म डिप्रेशन पर इसका कोई असर नहीं देखा गया है। स्टडी में म्यूजिक थेरेपी के बाद डिमेंशिया रोगियों के लाइफ क्वालिटी में सुधार देखा गया है लेकिन इस का असर लंबे समय तक नहीं रहता है।
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Source: Lifestyle