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Ashadh Amavasya 2023: आज है आषाढ़ अमावस्या, पितरों की प्रसन्नता के लिए जरूर करें यह काम

Ashadha Amavasya 2023 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार यह आषाढ़ माह चल रहा है, इसकी अमावस्या तिथि की शुरुआत 17 जून शनिवार सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर हो रही है और यह तिथि रविवार 18 जून को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर संपन्न होगी। अमावस्या व्रत पूजा सूर्योदय के समय होती है। इसलिए उदयातिथि में आषाढ़ अमावस्या 18 जून को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ किया जाएगा। हालांकि इससे एक दिन पहले दर्श अमावस्या मनाई जाएगी।

अमावस्या पर बन रहे यह विशेष योग
प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार आषाढ़ अमावस्या का स्नान दान 18 जून को सुबह 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट के बीच करना चाहिए। इसमें भी सुबह 08 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है, जो खास है और सुबह 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है। इन मुहूर्तों में स्नान दान का विशेष फल मिलता है।

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इस दिन इस समय करें श्राद्ध-तर्पण पितृ दोष होगा दूर
आचार्य पाण्डेय के अनुसार आषाढ़ अमावस्या को पितरों के निमित्त पूजा और पिंडदान, श्राद्ध तर्पण रविवार सुबह 11:00 बजे से दोपहर 02 बजकर 30 मिनट तक करना अधिक फलदायक है। इस समय स्वच्छ वस्त्र पहनकर पितरों की प्रसन्नता के लिए हाथ में कुश की पवित्री लें और तिल जल से पितरों को तर्पण करें। इससे पितृ संतुष्ट होते हैं और पितृ दोष दूर होता है।

आषाढ़ अमावस्या का महत्व
आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के देव अर्यमा की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार वे इंद्र देव के भाई हैं, पितृ दोष दूर करने के लिए अमावस्या पर अर्यमा की पूजा की जाती है। इसके लिए अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और उसे जल अर्पित किया जाता है। इससे व्यक्ति को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
पितरों की नाराजगी दूर होने से परिवार की तरक्की होती है और संतान प्राप्ति में बाधा समेत कई अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।



Source: Dharma & Karma