इन तरीकों से कर सकते हैं बारिश की बीमारियों से बचाव
Monsoon health Tips: बारिश का मौसम सुहाना होता है। हम इस मौसम से प्यार करते और इसका आनंद लेते हैं। लेकिन इस मौसम में हमें स्वस्थ भी रहना हैं। मानसून के दौरान फैलने वाली बीमारियों और उनकी रोकथाम के बारे में पता होना चाहिए, ताकि हम इस खूबसूरत मौसम का आनंद उठा सकें।
मानसून में होने वाली आम बीमारियां
बरसात के मौसम में सर्दी, खांसी और फ्लू समेत वायरल बुखार का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, इंसेफ्लाइटिस और जीका वायरस जैसी बीमारियां भी होती हैं। दूषित पानी के कारण उल्टी-दस्त, हैजा, पीलिया, टाइफाइड बुखार और हेपेटाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है। अत: सतर्क रहें।
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इन्हें बरतनी चाहिए ज्यादा सावधानी
स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है, लेकिन छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वृद्धावस्था में संक्रमण का खतरा अधिक होता है। जो लोग पहले से ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारी, यकृत व हृदय रोग से ग्रसित हैं, वे अधिक संवेदनशील होते हैं।
शुरुआत में पहचान करने से लाभ
तेजी से ठीक होने के लिए और किसी भी बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में पहचान करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। एक बार जब कोई बीमारी गंभीर हो जाती है तो उसे ठीक होने में समय लगता है, इस वजह से लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है।
ऐसे करें पहचान
कोई भी बुखार तीन दिनों से अधिक समय तक रहे, इसके साथ तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द और बुखार दवाओं के सेवन से भी कम न हो तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। बुखार के साथ-साथ पीलिया, त्वचा पर लाल चकत्ते, जोड़ों का दर्द, उल्टी, पेटदर्द, अत्यधिक नींद आना, सांस लेने में कठिनाई या पेशाब में कमी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। साफ पानी ही पीएं।
रोकथाम के लिए यह करें
स्वस्थ जीवनशैली, खानपान व पानी अपनाएं एवं नियमित व्यायाम करें। पर्याप्त नींद लें। साबुन व पानी से हाथ धोएं। घर के आसपास पानी जमा न हो। कूलर, बॉक्स और छत के ऊपर टायर, प्लांट पॉट और बारिश के पानी वाले अन्य कंटेनर मच्छर उत्पादन के स्रोत हैं। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। मच्छर भगाने वाली दवाओं का इस्तेमाल करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Source: disease-and-conditions