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अगर आप भी पहनते हैं टाइट जींस तो हो जाएं सावधान, 6 बीमारियां बना सकती है अपना शिकार

Disadvantages of tight jeans: आधुनिकता और फैशन की होड़ में अधिकांश लोग टाइट जींस पहनते हैं। यह एक फैशन सिंबल बन चुका है। इसको लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक टाइट जींस पहनती हैं। उन्हें ऑफिस जाना हो या फिर कहीं बाहर घूमने। कई महिलाएं अपने डेली रूटीन में इसे पहनना पसंद करती हैं। टाइट जींस पहनने से लुक काफी अच्छा आता हो, लेकिन यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ये फैशन आपकी सेहत के लिए भारी भी पड़ सकता है। टाइट जींस पहनने से आपको कई तरह की समस्या हो सकती है।

टाइट जींस पहनने से होते हैं ये नुकसान

संक्रमण का खतरा
टाइट जींस पहनने से न सिर्फ आपकी नसों पर दबाव पड़ता है, बल्कि आपकी त्वचा पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कई लोगों को इसकी वजह से स्किन पर सूजन, चकत्ते जैसी परेशानियां हो सकती हैं। लंबे समय तक टाइट जींस पहनने से जांघों में ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ सकता है। साथ ही जांघ के एरिया के आसपास रैशेज होने का खतरा रहता है।

पेट में हो सकता है दर्द
टाइट जींस पहनने से पुरुषों को भी नुकसान होता है। टाइट जींस पहनने से पेट के निचले हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है। इसके चलते पेट पर ही नहीं, बल्कि कूल्हे के जोड़ों पर भी असर पड़ता है।

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कमर में हो सकता है दर्द
टाइट जींस सभी के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। इस तरह का जींस पहनने से कई तरह की परेशानियों में पड़ सकते हैं। इस वजह से कमर दर्द हो सकता है। साथ ही हिप ज्वाइंट, रीड की हड्डी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है। इससे उठने-बैठने तक में परेशानी हो सकती है।

 

गर्भाशय का संक्रमण
टाइट जींस पहनने से महिलाओं में कम उम्र में ही गर्भाशय संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। शुरुआती दौर में महिलाओं को इस संक्रमण के बारे में पता नहीं चल पाता है। अगर संक्रमण का इलाज समय पर नहीं हो पाया तो इससे बाद में महिलाओं को मां बनने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए उन्हें थोड़ी ढीली जींस पहननी चाहिए।

 

मांसपेशियों में कमजोरी का खतरा
लगातार टाइट जींस पहनने से पेट के निचले हिस्से और कमर की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। टाइट जींस इतनी चिपकी होती है कि यह हड्डियों और जोड़ों के मूवमेंट में भी दिक्कत पैदा कर देती है। इससे पीठ और कमर के अलावा पैरों में भी दर्द की समस्या शुरू हो सकती है।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।



Source: disease-and-conditions