गर्भवती महिला को क्यों नहीं काटते सांप, जानें क्या कहती है पुराण
अभी सावन का महीना चल रहा है, इसे भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है। ऐसे में भगवान शिव के गले में एक भूजंग यानि सांप भी उनके आभूषण की तरह लिपटा रहता है। वहीं ध्यान रहे कि इसी माह सोमवार, 21 अगस्त को नागपंचमी का भी पर्व है, ऐसे में आज हम आपको सांप से जुड़ी कुछ खास बात बताने जा रहे हैं। दरअसल सनातन हिंदू धर्म से सांपों से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं हैं। ऐसे में जहां कुछ लोग इन मान्यताओं को केवल मिथक मानते हैं, तो वहीं शास्त्र व वेद-पुराणों में बताई गई इन मान्यताओं को सनातनधर्मी अत्यंत विशेष मानते हैं।
अनेक मान्यताओं के अनुसार सांप कभी गर्भवती स्त्री को नहीं काटते हैं, इस संब ंध में ये दावा तक किया जाता है कि सांप किसी गर्भवती स्त्री को देखकर अंधा तक हो जाता है। माना जाता है कि सांप महिला के गर्भधारण करने के बाद से ही उसके पास तक नहीं जाते। इन बातों को सुनकर अनेक लोगों को हैरानी भी होती है, ऐसे में अनेक बार वे सोचते हैें कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है और इसके पीछे का क्या कारण हो सकता है। तो आज हम आपको ये जानकारी दें दें कि इस तथ्य का वर्णन ब्रह्मवैवर्त पुराण में प्राप्त होता है।
इसलिए गर्भवती स्त्री को नहीं काटते सांप
दरअसल सांप को प्रकृति ने कुछ विशेष इंद्रियां दीं हैं, ऐसे में वह बड़ी ही आसानी से यह पता कर लेता है कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं। इसका कारण ये हैं कि गर्भधारण के बाद स्त्री के शरीर में कुछ ऐसे तत्वों का निर्माण होता है जिन्हें सांप आसानी से पहचान लेतो है। ऐसे में ये सवाल भी उठता है कि गर्भवती महिला को यदि सांप पहचान भी लेते हैं तो भी आखिर सांप उन्हें क्यों काटते नहीं है। तो आपको बता दें कि इस प्रश्न का उत्तर भी ब्रह्मवैवर्त पुराण की एक कथा से मिलता है। तो चलिए जानते हैं इस कथा के बारे में…
दरअसल ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा के अनुसार, एक बार शिवालय में भगवान शिव की एक गर्भवती स्त्री तपस्या कर रही थी। वह तपस्या में पूर्ण रूप सेे लीन थी। इसी दौरान शिवालय में दो सांप आकर गर्भवती स्त्री को परेशान करने लगे, जिसके चलते स्त्री का ध्यान भंग हुआ। इस पर स्त्री के गर्भ में पल रहे शिशु ने तपस्या भंग होने के कारण पूरे सर्प वंश को श्राप दे दिया कि आज के बाद कोई भी सांप, नाग और नागिन यदि किसी गर्भवती स्त्री के पास गए तो वे अंधे हो जाएंगे। जिसके बाद से ही ये मान्यता प्रचलित हो गई कि गर्भवती स्त्री को देखने से सांप अंधे हो जाते हैं और न ही वे उसे यानि गर्भवती महिला को काटते हैं । वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार तो गर्भवती महिला को सांप के कभी सपने तक भी दिखाई नहीं देते हैं, कथा के अनुसार इस स्त्री के गर्भ से जन्मा वह शिशु आगे जाकर श्री गोगा जी देव, श्री तेजा जी देव और जहरवीर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
सांप के न काटने के वैज्ञानिक कारण
यहां आपको इस बात की भी जानकारी दे दें कि गर्भवती स्त्री को सांप द्वारा न काटे जाने के पीछे केवल धार्मिक मान्यता ही नहीं है बल्कि एक ठोस वैज्ञानिक कारण भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार स्त्री के गर्भधारण के साथ शरीर में कुछ विशेष तत्वों का भी निर्माण होता है साथ ही कई तरह के बदलाव भी आते हैं। इसमें सबसे खास होता है हार्मोन्स का सिक्रिएशन। ऐसे में गर्भावस्था में स्त्री के स्वभाव, रूचि और रंग आदि में बदलाव आने लगता है। वैज्ञानिकों की मानें तो शायद सांप को स्त्री के शरीर में होने वाले हार्मोंस के इस बदलाव का पता लग जाता है जिसके कारण वे उसके पास नहीं जाकर अपना रास्ता ही बदल लेते हैं। भले ही इस बात की अब तक पूरी तरह से पुष्टि नहीं की जा सकी है, लेकिन माना जाता है कि शायद इसी कारण ऐसा ही होता होगा।
ये बातें भी हैं खास- रखें ध्यान
– वैसे तो सांप को किसी के द्वारा भी मारा नहीं जाना चाहिए, लेकिन इसमें भी सबसे विशेष ये है कि गर्भवती महिला को कभी भी सांपों को मारना नहीं चाहिए।
– ध्यान रहे कि सनातन धर्म में सांप को मारना महापाप की श्रेणी में आता है, और माना जाता है कि इसका दुष्परिणाम व्यक्ति को जन्मों तक झेलना पड़ता है।
– कोई शोध अबतक इस पर नहीं किया जा सका है कि सांप गर्भवती स्त्री को क्यों नहीं काटते हैं।
– सांप के नजदीक जाने से गर्भावस्था में महिला को और गर्भ में पल रहे शिशु को जाने-अनजाने में नुकसान हो सकता है।
अतरू यदि किसी गर्भवती महिला के आस-पास आपको सांप नजर आए तो तुरंत सावधान हो जाएं।
Source: Religion and Spirituality