Special Day- नाग पंचमी के दिन पड़ रहा है सावन का सातवां सोमवार, जानें महत्व और इस दिन के मुहूर्त
साल 2023 में शुरु हुए सावन माह के बीच में पहुंचते ही अधिक मास की शुरुआत हो गई, ऐसे में अधिक मास की समाप्ति के बाद पुनरू 17 अगस्त से सावन माह का दूसरा भाग प्रारंभ हो गया है। इन सब के बीच सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे नाग पंचमी के नाम से भी जानते हैं 21 अगस्त 2023 को पड़ रही है। वहीं इस 21 अगस्त को सोमवार का दिन है ऐसे में जहां ये सावन का सोमवार रहेगा, वहीं इसी सावन के सोमवार को ही इस बार नागपंचमी भी पड़ेगी।
ज्ञात हो कि इस बार अधिकमास आ जाने के कारण सावन का महीना 58 दिनों का है। भगवान शिव को सावन माह अत्यंत प्रिय होने के चलते इस माह में भगवान शिव की पूजा आराधना का विशेष महत्व होता है। वहीं सावन का सोमवार तो भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना गया है। इसके साथ ही नाग भगवान शिव के गले का हार है ऐसे में सावन सोमवार को ही नागपंचमी होने के चलते इस सावन का 7वां सोमवार जानकारों के अनुसार कई मायनों में विशेष रहने वाला है।
जानकारों के अनुसार धार्मिक मान्यताएं भी इस ओर इशारा करती हैं कि जो भक्त सावन सोमवार पर विधि-विधान से साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है, उसका दांपत्य जीवन सुखी और हर तरह की सुख-समृद्धि से युक्त होता है। तो चलिए जानते हैं इस बार सावन माह का 7वां सोमवार क्यों विशेष है?
सावन सोमवार 2023 : सातवां
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार सावन के सातवें सोमवार पर शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होने के चलते जहां इस दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा। ऐसे में सावन सोमवार और नाग पंचमी के संयोग पर शिव उपासना का महत्व काफी बढ़ गया है क्योंकि नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा होगी और सावन सोमवार पर नाग को धारण किए हुए भगवान शिव की। माना जाता है कि सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। वहीं इस बार सावन का 7वां सोमवार 21 अगस्त 2023 को है।
मुहूर्त : 7वां सावन सोमवार 2023
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को सुबह 12.21 बजे से प्रारंभ होगी, वहीं 22 अगस्त 2023 को प्रातरू 02 बजे इसका समापन होगा।
नाग पंचमी : पूजा मुहूर्त 2023
भगवान शिव और नाग देवता की पूजा का मुहूर्त – 21 अगस्त को सुबह 06.21 बजे से सुबह 08.53 बजे तक
शुभ (उत्तम) – सुबह 09.31 – सुबह 11.06
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सावन सोमवार व्रत की विशेषता
माना जाता है कि सावन माह के हर सोमवार को भगवान शंकर के मंदिर में जाकर उनकी पूजा की जानी चाहिए, साथ ही संभव होने पर निराहार व्रत भी करना चाहिए यदि यह संभव न हो तो एक ही समय भोजन करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर प्रसन्न तो होते ही हैं साथ ही अंतिम समय में मुक्ति भी प्रदान करते हैं।
नाग पंचमी की पूजा क्यों होती है खास
हिंदू धर्म में नाग लोक को मृत्यु लोक से उपर माना गया है, ऐसे में सांपों की पूजा का भी विशेष विधान होता है। धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से जीवन में आने वाले या चल रहे संकटों का नाश होने के अलावा मनोवांछित फल भी प्राप्त होता है। इसके साथ ही ज्योतिष में नाग को केतु से जुड़ा माना गया है, जिसके चलते यह भी माना जाता है कि नाग की पूजा केतु के दोष से मुक्ति प्रदान करती है। वहीं हिंदू कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है। ऐसे में शिव मंदिरों में इस दिन नाग देवता की विशेष पूजा भी करने का विधान है।
Source: Dharma & Karma