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इस तरह खाएंगे तो कभी नहीं बढ़ेगा मोटापा

जब बात शरीर को हैल्दी रखने की आती है तो उसमें हमारी ईटिंग हैबिट्स का बहुत बड़ा हाथ होता है। ऐसे में फिट और हैल्दी रहना है तो आयुर्वेद के अनुसार जानें कि हमें क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए।

तेल, चीनी व नमक थोड़ा कम

फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इण्डिया (एफएसएसएआइ) की ओर से इट राइट इंडिया कैम्पेन के तहत तेल, चीनी व नमक थोड़ा कम-थोड़ा कम खाने को लेकर नारा दिया गया। विशेषज्ञों के अनुसार बदलती हुई दिनचर्या के बीच हमें खानपान में इन तीन चीजों तेल, चीनी व नमक का उपयोग दिन-प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा कम करना होगा वर्ना बीमारियों की आशंका बढ़ जाएगी। हम सुबह से शाम तक जो कुछ भी खाते-पीते हैं उनमें मुख्यत: इन्हीं तीन खाद्य पदार्थों का मिश्रण होता है।

शरीर की प्रकृति के अनुसार करें भोजन
हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं, जरूरी नहीं कि वह शरीर के लिए फायदेमंद ही हो। आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय मौसम व शरीर की प्रकृति के अनुसार तय किया गया है।

आहार के छह रस
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)। शरीर की प्रकृति अनुसार भोजन करें। इससे शरीर में पोषक तत्वों का संतुलन नहीं बिगड़ता है। कुछ लोग मिली हुई प्रकृति के होते हैं। ऐसे लोगों को आयुर्वेद विशेषज्ञ की परामर्श से आहार लेना चाहिए।
गुड़ और शहद का ज्यादा प्रयोग करें
चीनी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। शरीर में इसकी जरूरत फलों, सब्जियों और रेशेदार चीजों से भी पूरी हो जाती है। इसके अलावा चीनी को आहार में लेने की बजाय गुड़ व शहद का प्रयोग किया जा सकता है। यह सेहत के साथ बीमारियों से बचाव भी करता है। आहार में 40 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होती है। कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। इसकी अधिक मात्रा से वजन बढ़ता है।
ऐसे रखें ध्यान: चाय, कॉफी, दूध में जो शुगर डाली जाती है उसे आधा कर दीजिए। प्रोसेस्ड फूड, केन ज्यूस, जैम, जैली, टमौटो सॉस आदि कम से कम उपयोग में लेें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में चीनी की मात्रा कई गुना अधिक पाई जाती है। बच्चों को चीनी युक्त कैंडीज, चॉकलेट, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री जहां तक संभव हो कम दें क्योंकि इससे बच्चों में मोटापा व नॉन कम्युनिकेबल बीमारियों के होने की आशंका बढ़ती है।
32 बार क्यों चबाएं
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो खाना चबा-चबाकर खाएं। आयुर्वेद में 32 बार चबाकर खाने का नियम बताया गया है। इससे पाचन अच्छा रहता है और पोषक तत्व शरीर को लगते हैं। देर रात खाने से पाचन तंत्र निष्क्रिय होता है, जिससे भोजन पचने में दिक्कत होती है। इसलिए अपच, गैस और कब्ज की समस्या बढ़ती है।
कभी-कभी खाएं
पनीर सप्ताह में दो बार खाएं। स्प्राउट्स हफ्ते में दो बार लें। स्प्राउट को रातभर पानी में भिगोने के बाद एक बार उबालें और उसमें नमक, नींबू मिलाकर खा सकते हैं। दही हफ्ते में दो या तीन बार ही प्रयोग करें क्योंकि रोजाना इसे खाने से मोटापा, जोड़ों में दर्द व मधुमेह की शिकायत हो सकती है। बेहतर होगा दही में शहद या मिश्री मिलाकर खाएं।

ये भी है जरूरी
घर के 4 सदस्यों के परिवार में 2 लीटर खाद्य तेल ही पर्याप्त माना जाता है। यदि आप एक कचोरी खा लेते हैं तो इसमें लगभग 15 मिलीग्राम तेल होता है जिससे प्रतिदिन की जरूरत पूरी हो जाती है। इसके अतिरिक्त तैलीय चीजों को लेने से शरीर में फैट जमना शुरू होता है। घर पर तैयार भोजन में भी तेल की मात्रा नियंत्रित करनी चाहिए। बाहर की डीप फ्र्राइड चीजों से बचना चाहिए। कचौरी, समोसा, पकौड़ी, फ्रेंच फ्राइज, मठरी शरीर में फैट की मात्रा बढ़ाते है। बाजार में तैयार इन चीजों में स्मोक पॉइंट से अधिक तापमान पर गर्म करने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ती है। शरीर में टॉक्सिन, फ्री रेडिकल्स बनते हैं।
खाने से जुड़ी जरूरी बातें
सब्जियों को ज्यादा न पकाएं। सब्जियां न तो ज्यादा पकी होनी चाहिए और न ही कच्ची।
अदरक का टुकड़ा तवे पर भूनकर सेंधा नमक के साथ लें। इससे भूख बढ़ती है।
जंकफूड में सोडियम, ट्रांसफैट और शर्करा की भरमार होती है। इन्हें खाने से परहेज करें।
खाना हमेशा ताजा और गर्म होना चाहिए। यह पाचन के लिए बेहतर होता है।

एक्सपर्ट : डॉ. सर्वेश अग्रवाल, आयुर्वेद विशेषज्ञ एनआइए, जयपुर

 

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Source: Health