Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर इन मंत्रों के जाप से मिलेगी सुख समृद्धि, जानिए संपूर्ण पूजा विधि और शुभ योग
जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 6 सितंबर को अष्टमी तिथि दोपहर 3.38 बजे से अगले दिन 7 सितंबर को शाम 4.15 बजे तक रहेगी. वहीं 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र सुबह 9.20 बजे से अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 10. 25 बजे तक है। भगवान श्रीकृष्ण का अवतार अष्टमी तिथि को रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था। इसलिए रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव शुरू होता है और ये मुहूर्त इस बार 11. 57 बजे से 12.42 बजे तक है। इस बीच भक्त जन्माष्टमी की पूजा कर सकते हैं और जीवन सुखमय बनाने के लिए इन्हें श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
जन्माष्टमी पर शुभ योग
जन्माष्टमी पर छह सितंबर बुधवार को कई और शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, बुधादित्य योग और हर्षण योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं। इससे इस समय पूजा करने से पुण्य फल बढ़ जाएगा। इसके अलावा दिनभर में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 से 9 बजे और शाम को 5:15 से 6:15 तक है।
जन्माष्टमी पूजा विधि
1. जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने वाले जातक क्रूर ग्रहों की शांति के लिए सुबह जल में काले तिल डालकर स्नान करें।
2. फिर ब्रह्माजी सहित सभी देवताओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके आसन ग्रहण करें।
3. हाथ में जल, गंध, पुष्प लें और ‘मम अखिल पापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत करिष्ये’ मंत्र का जाप करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करें।
4. फिर शाम को ’ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपते। नमस्ते रोहिणिकांतं अघ्र्यं मे प्रतिग्रह्यताम।’ इस मंत्र को बोलते हुए दूध मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
5. रात में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले ‘ऊँ क्रीं कृष्णाय नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान का श्रृंगार कर धनिया मिश्रित सौंठ पंजरी का प्रसाद श्रीकृष्ण को अर्पित कर आरती करें।
6. श्रीकृष्ण को दूध, दही, माखन, मिश्री, मेवे और फल बहुत पसंद हैं, इसलिए भोग में ये चीजें जरूर होनी चाहिए। त्व देवां वस्तु गोविंद तुभ्यमेव समर्पयेति मंत्र के जाप के साथ भगवान कृष्ण को भोग लगाएं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मंत्र
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा अर्चना श्रीहरि विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। इस दिन ये मंत्र आपको लाभ पहुंचाएंगे। इससे आपको सुख, ऐश्वर्य, नौकरी-बिजनेस, विद्या, बुद्धि, महालक्ष्मी का आशीर्वाद और समस्त बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होगी। पुरोहितों के अनुसार इस दिन सच्चे मन से इन मंत्रों का जाप भगवान श्रीकृष्ण जरूर स्वीकार करते है।
1. क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः, यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को सर्वाधिक प्रिय है। इस मंत्र का जाप करने से नौकरी से संबंधित कोई भी परेशानी है तो यह दूर हो जाती है।
2. ऊँ नमः भगवते श्रीगोविन्दायः, मंत्र का जाप करने से यश-ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही बिजनेस में अपार सफलता मिलती है।
3. ऐं क्लीं कृष्णाय हृीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्नसों, मंत्र का जाप करने से माता सरस्वती का पूर्ण आशीर्वाद बना रहता है और बुद्धि व विद्या में वृद्धि होती है।
4. ऊँ श्रीं हृीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री, मंत्र का जाप करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति पूर्ण जोश के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।
5. लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा, इस मंत्र का जो भी व्यक्ति एक लाख जाप कर हवन करता है और हवन में तिल, अक्षत, शहद, घी और शक्कर के मिश्रण का प्रयोग करता है, उसे स्थिर लक्ष्मी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Source: Religion and Spirituality