भारतीय समूह ने बदला चर्चिल के वॉर रूम का हुलिया
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के वॉर रूम का हुलिया एक भारतीय कारोबारी समूह ने बदल दिया है। भारत की आजादी के 78 साल बाद यह ऐतिहासिक भवन अब लग्जरी होटल के तौर पर जाना जाएगा। होटल का मालिक भारत का हिंदुजा ग्रुप है। होटल को 29 सितंबर को खोलने की तैयारियां चल रही हैं।
यह वॉर रूम 1906 में बना था। द्वितीय विश्व युद्ध के समय चर्चिल यहीं बैठकर रणनीति बनाते थे। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट विलियम यंग ने डिजाइन किया था। इसमें कई बार बदलाव हुए। यह इमारत कई ऐतिहासिक घटनाओं की गवाह है। इसे जेम्स बॉन्ड की फिल्मों के अलावा हाल ही ‘द क्राउन’ सीरीज में दिखाया जा चुका है। वॉर रूम की शुरुआत वॉर कांउसिल की मंजूरी के बाद हुई थी। इस काउंसिल में ब्रिटेन के महाराजा और उनके सीनियर आर्मी कमांडर शामिल थे। काउंसिल इंग्लैंड साम्राज्य के युद्ध अभियानों की जिम्मेदारी संभालती थी।
हिंदुजा ग्रुप ने 361.81 करोड़ में खरीदा
चर्चिल का वॉर रूम लंदन के मशहूर पर्यटक स्थलों में से एक है। यह सेंट्रल लंदन के हॉर्स गाड्र्स एवेन्यू और वाइट हॉल के बीच है। इस ऐतिहासिक इमारत को एक मार्च, 2016 को ब्रिटिश सरकार ने लग्जरी होटल और रेजिडेंशियल अपार्टमेंट में बदलने के लिए 250 साल की लीज पर 350 मिलियन पौंड (करीब 361.81 करोड़ रुपए) में हिंदुजा ग्रुप को बेच दिया था।
अंडरग्राउंड बंकर और गुप्त रास्ते
वॉर रूम के अंडरग्राउंड बंकरों में ब्रिटिश नेताओं ने दूसरे विश्व युद्ध में जीत के लिए गुप्त रास्ता बनाया था। युद्ध के दौरान चर्चिल यहां कैबिनेट के साथ मीटिंग करते थे। युद्ध के दौरान यहां 115 बैठकें हुईं। अमरीका ने 16 अगस्त, 1945 को जब जापान पर परमाणु हमला किया, यहां 24 घंटे मीटिंग हुई थी। इसके कमरा नंबर 60 में सभी स्विचबोर्ड ऑपरेटर और टाइपिस्ट महिलाएं थीं। वे कई दिन अंडरग्राउंड रहती थीं।
Source: Travel