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जीवनशैली में बदलाव कर टालें कैंसर का खतरा

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (7 नवंबर) की थीम है, क्लोज द केयर गैप। यह गैप तब दूर हो सकता है, जब इसके इलाज को लेकर मिथ दूर होंगे। इसके इलाज को लेकर किसी तरह का डर न पालें।

 

हमेशा लक्षण नहीं दिखते
कैंसर से जुड़े संकेत व लक्षण हर बार दिखाई दें, यह जरूरी नहीं। इसके लिए यह ध्यान दें कि 40 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग टेस्ट करवा सकते हैं। साथ ही कुछ संकेत-
मुंह-गले के कैंसर में छाले न मिटना, इससे रक्तस्राव व गांठ होना।

स्तन व गर्भाशय के कैंसर में गांठ व पीरियड्स के अलावा रक्तस्राव होना।
अधिक उम्र में महिलाओं में ब्लीडिंग।
फेफड़ों या आंतों के मामलों में लक्षण या संकेत आसानी से नहीं दिखते, इसके लिए विशेषज्ञ से परामर्श करें।

 

एक्टिव लाइफ अपनाएं
सक्रिय बनें और नियमित शारीरिक योग या व्यायाम करें।
लक्षण दिखने पर इलाज में कोताही न बरतें। तुरंत इलाज लें।
इलाज के प्रति डर न पालें।

 

टियर टू शहरों में भी इलाज मौजूद है।
स्मोकिंग-एल्कोहल से दूरी बनाएं।
रोग के गंभीर होने का इंतजार न करें।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

 



Source: disease-and-conditions

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