नींद की कमी, खाना ठीक से नहीं लेने पर भी हाेता है शरीर में दर्द
Body Pain Types: दर्द शरीर के अंदर किसी बीमारी या आंतरिक बदलाव का लक्षण है। दर्द बताता है कि शरीर के अंदर बीमारी शुरू हो चुकी है। ये शारीरिक या मानसिक दोनों हो सकती हैं। संक्रमण, चोट, रिएक्शन, सूजन, जलन आदि के कारण भी दर्द हो सकता है। दर्द में कई और शारीरिक लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे उल्टी होना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, बेहोशी छाना आदि। जानते हैं कैसे-कैसे शरीर में दर्द हो सकते हैं और शरीर पर उसका क्या दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
क्यों महसूस होता है दर्द
शरीर में नसें इलेक्ट्रिक वायर की तरह आपस में जुड़ी होती हैं जो किसी भी हिस्से में दर्द या फिर चोट का संदेश तुरंत मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं। शरीर के सभी हिस्सों में फैली इन नसों के क्षतिग्रस्त होने, रक्त संचार बाधित होने या फिर नस फटने के कारण दर्द होता है। अधिकतर दर्द उत्तकों के नष्ट होने से होते हैं। यह आपको दर्द, टीस या धुकधुक के रूप में महसूस होते हैं।
कमर में दर्द क्यों
रीढ़ की हड्डी में 32 कोशिकाएं होती हैं जिसमें से 22 गति करती हैं। जब इनकी गति अपर्याप्त होती है या ठीक नहीं होती तो कई समस्याएं हो जाती हैं। हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज, जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट आदि शामिल होते हैं।
कैसे कैसे दर्द होते हैं:-
साइकोसोमैटिक पेन: कई बार हमें कोई शारीरिक समस्या नहीं होती तब भी शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने लगता है, इसे साइकोसोमैटिक पेन कहते हैं। यह शब्दावली उन दर्दों के लिए होती है जिनमें मन की परेशानी शारीरिक रूप से प्रदर्शित होती है।
दिल की धमनियों का दर्द: दिल की धमनियों के दर्द को पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज कहते हैं। हृदय से शरीर के अंगों तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रक्त संचार बाधित होने से भी दर्द होता है।
मांसपेशियों में दर्द: मांसपेशियों में दर्द सामान्य है और इसमें एक या एक से अधिक मांसपेशियां शामिल होती हैं। मांसपेशी के दर्द में लिगामेंट्स, टेंडन और उनको जोड़ने वाले अन्य हिस्सेे हो सकते हैं।
साइकोजेनिक पेन : कुछ मानसिक बीमारियों में लोग ठीक तरह से नहीं खाते और पूरी नींद नहीं ले पाते हैं, जिससे शरीर के किसी भाग में दर्द होता है।
रेफर्ड पेन: इसे रिफलेक्टिव पेन भी कहते हैं। जब दर्द चोट वाली जगह के पास या वहां से दूर हो तो रेफर्ड पेन कहते हैं। ऐसे दर्द को नजरअंदाज न करें।
सिरदर्द दर्द : इसके कारणों का पता नहीं चला है, फिर भी तनाव, अवसाद, शराब की आदत, कब्ज, थकान, शोरगुल या तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी हो सकती है।
इलाज
दर्द के कारणों का पता लगाकर उसका उपचार करते हैं। जैसे संक्रमण है तो एंटीबॉयोटिक्स लेने से दर्द चला जाता है। चोट लगी है तो पेन किलर से आराम मिलता है। साइकोसोमैटिक पेन को मनोचिकित्सकीय तरीके से ठीक करते हैं। माइक्रो एंडोस्कोपी स्पाइन सर्जरी (एमईएस) ने कमर दर्द और गर्दन के दर्द के उपचार को बेहतर और आसान बनाया है, इसमें आधे घंटे से भी कम समय लगता है और आराम मिलता है।
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Source: Health