टीपू पर फिर खींची तलवार, कर्नाटक के इस शहर में लगानी पड़ी धारा 144
कर्नाटक के मांड्या में जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर ऐतिहासिक शहर श्रीरंगपट्टनम में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी, क्योंकि मुस्लिम संगठनों ने टीपू जयंती मनाने का आह्वान किया है। बता दें टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर साम्राज्य का शासक था और उसने अंग्रेजों से लड़ाई की थी।
मुस्लिम संगठनों ने बुलाई है रैली
बता दें कि टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर साम्राज्य का शासक था और उसने अंग्रेजों से लड़ाई की थी। टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली की कब्रें श्रीरंगपट्टनम गुम्बज में स्थित हैं। मुस्लिम संगठनों और टीपू सुल्तान के प्रशंसकों ने टीपू जयंती मनाने का आह्वान किया है और मांड्या और मैसूर शहरों से लोगों के आने और श्रीरंगपट्टनम शहर में इकट्ठा होने की उम्मीद की है।
भाजपा सरकार ने टीपू की जयंती मनाने पर लगाई थी रोक
पिछली भाजपा सरकार ने टीपू जयंती मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था और वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अभी तक उस आदेश को रद्द नहीं किया है। एहतियात के तौर पर सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक निषेधाज्ञा लागू रहती है। अधिकारियों को जुलूस और विरोध प्रदर्शन की इजाजत न देने के भी सख्त आदेश दिए गए हैं। आदेश में आपत्तिजनक फोटो, नारे वाली टी-शर्ट पहनने, पटाखे फोड़ने और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
सिद्धारमैया ने की थी शुरुआत
सिद्धारमैया ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 10 नवंबर, 2015 को राजा के जन्मदिन को टीपू जयंती के रूप में मनाने का फैसला किया था। इससे भारी विवाद हुआ था और राज्य में हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुए थे। 2019 में, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ये भी पढ़ें: कर्नाटक के छात्रावास में छात्राओं का यौनशोषण, नर्स ने रची थी पूरी साजिश
Source: National