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अब साबुन लड़ेगा मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से

मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों में मौजूदा कीटनाशकों के प्रति बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता के बीच यह खबर आशाजनक हो सकती है। प्रयोगशाला परीक्षणों और क्षेत्र परीक्षणों दोनों से पता चला है कि नियोनिकोटिनोइड्स, कीटनाशकों का एक विशेष वर्ग, मौजूदा कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोध दिखाने वाली लक्षित आबादी के लिए एक आशाजनक विकल्प है। नियोनिकोटिनोइड्स मच्छरों की कुछ प्रजातियों को तब तक नहीं मार सकते जब तक कि उनकी क्षमता को बढ़ाया न जाए और साबुन से इनकी शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

क्या है मलेरिया
मलेरिया एक विनाशकारी मच्छर जनित बीमारी है जो उप-सहारा अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में प्रचलित है, जिससे बुखार, थकान, सिरदर्द और ठंड लगती है। यह रोग घातक हो सकता है। रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार, 2020 में दुनिया भर में मलेरिया के अनुमानित 241 मिलियन मामले थे, जिसके परिणामस्वरूप 627,000 मौतें हुईं।

तेल आधारित साबुन
पीएलओएस नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज में प्रकाशित एक नए अध्ययन में टीम ने तीन कम लागत वाले अलसी तेल आधारित साबुन का चयन किया जो उप-सहारा अफ्रीका में प्रचलित हैं। टीम ने अध्ययन में लिखा है कि सभी मामलों में, कीटनाशकों ने क्षमता में काफी वृद्धि की है।

उम्मीद बरकरार
टीम को उम्मीद है कि कीटनाशकों को बढ़ाने के लिए कितने साबुन की आवश्यकता है, यह स्थापित करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण किया जाएगा। शोधकर्ताओं के मुताबिक हम एक साबुन-कीटनाशक फॉर्मूलेशन बनाना पसंद करेंगे, जिसका उपयोग अफ्रीका में घर के अंदर किया जा सके और उपयोगकर्ताओं के लिए स्वस्थ हो।



Source: Health

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